
इंदौर/महू। नईदुनिया टीम। Indore Lift Accident मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के महू के समीप पर्यटन स्थल पातालपानी में बने अपने ही फार्म हाउस पर 31 दिसंबर की शाम हुए लिफ्ट हादसे से पाथ इंडिया ग्रुप के एमडी पुनीत अग्रवाल का परिवार तिनके की तरह बिखर गया। दूसरे दिन जब पुलिस व फोरेंसिक विशेषज्ञों की टीम घटनास्थल पर पहुंची तो पाया कि लिफ्ट 60 फीट ऊंचाई पर 90 डिग्री घूम गई थी। इसी वजह से उसमें सवार पुनीत अग्रवाल, उनके पोते, बेटी-दामाद व दो अन्य रिश्तेदारों समेत छह लोग चंद सेकंड में फर्श पर आ गिरे और उनकी मृत्यु हो गई। एक अन्य परिजन घायल है।
सात लोगों की क्षमता नहीं थी
हादसे के दूसरे दिन बुधवार को पुलिस और फॉरेंसिक विशेषज्ञों की टीम पातालपानी स्थित फार्म हाउस पर जांच के लिए पहुंची। जांच की सुई पूरी तरह लिफ्ट पर ही टिकी हुई है। प्रारंभिक जांच और पूछताछ में यह बात सामने आई है कि लिफ्ट की क्षमता सात लोगों का वजन सहने लायक नहीं थी।

सभी के सिर में चोट आई
ऊंचाई से गिरने से लिफ्ट में सवार सातों लोगों के सिर में गंभीर चोट आई। इनमें से पुनीत अग्रवाल, बेटी पलक, दामाद पलकेश, पोता नव, रिश्तेदार गौरव और आर्यवीर की मौत हो गई। जबकि गौरव की पत्नी निधि इंदौर के चोइथराम अस्पताल के आईसीयू में भर्ती है। उसकी हालत गंभीर है।
लिफ्ट के कांट्रेक्टर से नहीं हो सकी पूछताछ
महू तहसील के बड़गोंदा थाने के प्रभारी रॉबर्ट गिरवाल के साथ फॉरेंसिक विशेषज्ञ बीएल मंडलोई ने लिफ्ट का जायजा लिया। लिफ्ट के कांट्रेक्टर से संपर्क नहीं होने से उससे पूछताछ नहीं हो पाई। जानकारों का कहना है कि इतनी ऊंचाई पर चढ़ने-उतरने के लिए यह लिफ्ट सुरक्षित नहीं थी। बड़ा सवाल है कि कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र के जानकार होने के बावजूद पुनीत अग्रवाल को इस खतरे का आभास क्यों नहीं हुआ
शाम छह बजे पहुंचे थे
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि पुनीत और उनके परिवार के सदस्य मंगलवार शाम छह बजे तीन गाड़ियों से फार्म हाउस पहुंचे थे। नए साल के मौके पर वे बेटी पलक, दामाद पलकेश, पलकेश के जीजा गौरव, उनकी पत्नी निधि और बेटे आर्यवीर को पहाड़ी पर बना फार्म हाउस घुमाने लाए थे। घटना के समय लिफ्ट को बाहर से एक कर्मचारी कैलाश रिमोट से ऑपरेट कर रहा था। लिफ्ट से नीचे आने के दौरान पुनीत के पुत्र निपुण ऊपर ही रह गए थे।
कांक्रीट के फर्श व अन्य निर्माणों से टकराकर लहूलुहान हो गए
परिवार के सवार होते ही लिफ्ट करीब 60 फीट की ऊंचाई से कुछ ही नीचे गई और असंतुलित होकर एक ओर झुकने लगी। सभी लोग घबराए और चिल्लाने लगे, पलभर में लिफ्ट 90 डिग्री घूम गई और सभी लोग नीचे गिरे। नीचे गिरते ही कांक्रीट के कठोर फर्श और आसपास के दूसरे निर्माणों से टकराए। इसके बाद वहां मौजूद लोग चिल्लाने लगे और लहूलुहान होकर बेसुध पड़े लोगों को तुरंत उठाकर गाड़ी में डालने लगे। सभी गाड़ियां सीधे अस्पताल पहुंचीं। तब तक कुछ लोगों की मौत हो चुकी थी।
पुलिस इन बिंदुओं की कर रही जांच
-क्या इस लिफ्ट को केवल सामान ले जाने के लिए ही लगवाया गया था अथवा इसे बाद में भी उपयोग किया जाना था?
-अगर इसका बाद में उपयोग होना था तो क्या इसके लिए मप्र एलिवेटर एक्ट के तहत अनुमति ली गई थी या ली जाने की तैयारी थी?
-फार्म हाउस के आसपास की जमीन वन विभाग के आधिपत्य में आती है। ऐसे में फार्म हाउस की जमीन की जांच भी हो सकती है? (हालांकि बताया जाता है कि अग्रवाल ने यह जमीन कुछ वर्षों पहले खरीदी है।)

सैकड़ों लोगों ने दी नम आंखों से अंतिम बिदाई
पुनीत अग्रवाल और उनके पोते नव की शवयात्रा बुधवार महू से सुबह 11 बजे निकली। बेटी पलक और पलकेश को परिजन ने इंदौर के निपानिया स्थित घर से अंतिम विदाई दी।। सैकड़ों लोगों ने नम आंखों से दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी।
एक ही चिता पर रखे दादा-पोते के शव
महू के मुक्तिधाम पर उस समय माहौल और ज्यादा गमगीन हो गया जब एक ही चिता पर दादा-पोते (पुनीत व नव) दोनों के शव रखे गए और बेटे विपुल ने पिता व पुत्र को मुखाग्नि दी।
पुनीत अग्रवाल की शवयात्रा में हजारों लोगों के साथ एक श्वान भी दिखाई दिया। यह श्वान पुनीत के निवास परिसर में अकसर देखा जाता था। हालांकि यह उनका पालतू श्वान नहीं था। उनकी शवयात्रा में यह श्वान मुक्तिधाम तक गया। श्वान को उनके परिसर में रहने वाले लोग ही खाना देते हैं।