
मुलतापी समाचार मनोज कुमार अग्रवाल
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और कई क्षेत्रों के विशेषज्ञ कह चुके हैं कि अब हमें कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी होगी। इस बीच केंद्र और राज्य सरकारों ने मौजूदा ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बदलने की तैयारी शुरू कर दी है।
जिस नये सिस्टम की बात हो रही है वह काफी हद तक यूरोप की तर्ज पर रहेगा। बसों में आधी सीटें खत्म होगी तो वहीं ट्रेन और मेट्रो के फेरे सात गुने बढ़ जाएंगे। मेट्रो कोच या ट्रेन की एक बोगी में सोशल डिस्टेंसिंग के चलते यात्रियों की संख्या आधी होगी। तो वहीं साइकिल को सबसे ज्यादा तवज्जो मिलेगी।
केंद्र सरकार के ट्रांसपोर्ट, रेलवे, वित्त, शहरी विकास, स्वास्थ्य और गृह मंत्रालय के अधिकारियों की टीम विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि अब जो सिस्टम बनेगा, वह यूरोप की तरह नजर आएगा। इनका जीवन काल भी लंबा रहेगा। हर एक वाहन में हैंड वास, सैनिटाइजर, फेस मास्क और दस्ताने आदि की व्यवस्था की जाएगी। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य में नई व्यवस्था के तहत 52 सीट वाली बस में अब सिर्फ 25 यात्री ही बैठ सकेंगे।
ऐसी स्थिति में यात्रियों को दोगुना किराया देना पड़ सकता है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष कुलतरण सिंह अटवाल और झारखंड बस मालिक एसोसिएशन के सचिव किशोर मंत्री भी कह चुके हैं कि इस बाबत बस मालिकों के साथ चर्चा हो रही है। हम चाहते हैं कि सभी राज्यों में कोरोना से बचाव वाला एक समान ट्रांसपोर्ट सिस्टम लागू हो। अब परिवहन सेक्टर में कई बड़े बदलाव देखने मिल सकते हैं।
मुलतापी समाचार मनोज कुमार अग्रवाल