
जहाँ दो सगी बहनों ने हिन्दू रीति रिवाज से किया अपनी माँ का अन्तिम संस्कार
जहाँ बेटियों ने नम आंखों से दी अपनी मां को अंतिम विदाई।

बैतूल जिले के मुलताई तहसील में दो सगी बहनों ने हिन्दू रीति रिवाजों के साथ मोक्ष धाम में अपनी माँ को अंतिम संस्कार के साथ उन्हें बिदाई दी। मुलताई के पटेल वार्ड बीजेपी भवन के सामने श्री राम चन्द्र कड़वे की जीवन धर्मपत्नी श्रीमती रुक्मणी पवार जिनका जन्म 17 फरवरी 1971 को बैतूल बाजार में हुआ था, और 17 मई 2020 को जिस नगर के जिस घर मे जन्म हुआ था उसी घर मे दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। रुक्मणी रामचन्द्र कड़वे अपने पीछे दो बेटियां छोड़ कर चली गईं। बड़ी बेटी दिव्यानी ने कंधे पर मटकी रख मां की चिता की परिक्रमा लगाई वहीं दूसरी बेटी चंचल ने अपनी मां को मुखाग्नि दी। यह नजारा देख उपस्थित सभी लोगों की आंखें छलक गई। साथ ही बेटियों ने आज एक बार फिर साबित कर दिया कि बेटियाँ, बेटों से कम नहीं।
बैतूल से प्रदीप डिगरसे की रिपोर्ट।