India China Border News: चीन ने भारत को एक बार फिर धोखा दिया। पहले बातचीत का दिखावा किया और फिर मौका मिलते ही पीठ पर वार कर दिया। चीनी सैनिकों की कोशिश प्वाइंट 14 पर कब्जा करने की थी, जिसे भारतीय सैनिकों ने नाकाम कर दिया। रात के अंधेरे में जब चीनी सैनिकों ने हमला बोला, तब भारत के जवान निहत्थे थे। बता दें, वार्ता की मेज पर चीनी फौज ने पीछे हटने पर हामी दिख रही थी, लेकिन सोमवार रात गुपचुप तरीके से उन्होंने गलवन व श्योक नदी के संगम के पास प्वाइंट 14 चोटी पर कब्जा करने की कोशिश की। आमने-सामने संघर्ष में चोटी से फिसलकर भारतीय और चीनी सैनिक बर्फीले दरिया में जा गिरे और इस कारण दोनों ओर की सेनाओं को खासा जानी नुकसान उठाना पड़ा। पढिए श्रीनगर से नवीन नवाज की रिपोर्ट-
पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना मजबूत स्थिति में है। यही कारण है कि चीनी सेना बार-बार सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों पर कब्जा करने की साजिश रचती है। कुछ साल पहले भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में कुछ इलाकों में निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए थे, जिन्हें चीनी सेना ने तोड़ दिया था।
और श्योक दरिया के संगम के पास एक चोटी है। दिन में चीनी सेना वार्ता के दौरान पीछे हटने पर सहमत हो गई थी। रात में चीनी सैनिकों ने प्वाइंट-14 पर कब्जे के लिए तारबंदी शुरू कर दी। इसका पता चलते ही 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अफसर कर्नल संतोष बाबू (Santosh babu) अपने साथी जवानों के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे। वह बिना किसी हथियार के चीनी सेना को रोकने गए थेऔर श्योक दरिया के संगम के पास एक चोटी है। दिन में चीनी सेना वार्ता के दौरान पीछे हटने पर सहमत हो गई थी। रात में चीनी सैनिकों ने प्वाइंट-14 पर कब्जे के लिए तारबंदी शुरू कर दी। इसका पता चलते ही 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अफसर कर्नल संतोष बाबू (Santosh babu) अपने साथी जवानों के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे। वह बिना किसी हथियार के चीनी सेना को रोकने गए थेकुछ दिन पहले पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने गलवन घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार कर भारतीय सीमा में प्वायंट 14, प्वायंट 15 और प्वायंट 17 के पास तंबू गाड़ लिए थे। इनमें प्वाइंट-14 पर बीते हफ्ते भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्याधिकारियों के बीच बैठक हुई थी।
, पर धोखेबाज चीनी सैनिकों ने पत्थरों, हथौड़ियों और कंटीले तारों से हमला कर दिया।और श्योक दरिया के संगम के पास एक चोटी है। दिन में चीनी सेना वार्ता के दौरान पीछे हटने पर सहमत हो गई थी। रात में चीनी सैनिकों ने प्वाइंट-14 पर कब्जे के लिए तारबंदी शुरू कर दी। इसका पता चलते ही 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अफसर कर्नल संतोष बाबू (Santosh babu) अपने साथी जवानों के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे। वह बिना किसी हथियार के चीनी सेना को रोकने गए थे, पर धोखेबाज चीनी सैनिकों ने पत्थरों, हथौड़ियों और कंटीले तारों से हमला कर दिया।
भारतीय जवानाें पहाड़ी पर चढ़ते हुए चीनी सैनिकों का निहत्थे मुकाबला किया। इस दौरान कई जवान नीचे बर्फीले पानी से लबालब दरिया में गिरे। चीन के कई सैनिक भी गिरे। इन जवानों ने शहादत देकर निहत्थे जूझते हुए प्वाइंट 14 पर कब्जे की चीन की साजिश को नाकाम कर दिया। इसे इलाके में चीनी सेना ने कुछ समय पहले पेट्रोलिंग भी की थी।