India China Boarder Tension Live Updates: भारत और चीन के बीच लद्दाख में जारी तनाव उस समय बढ़ गया जब 14-15 जून की रात चीनी सैनिकों ने गलवन घाटी में भारतीय सैनिकों पर अचानक हमला कर दिया। दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुए खूनी संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हुए हैं, जबकि चीन के 43 सैनिक मारे गए हैं। भारत के चार सैनिकों की हालत गंभीर है। आशंका जताई जा रही है कि शहीदों की संख्या 24 पहुंच सकती है। इसके बाद से पूरी दुनिया में भारत चीन के इस तनाव की चर्चा है। दिल्ली में मोदी सरकार एक्शन में हैं
India China Boarder Tension : बढ़ सकती है शहीदों की संख्या, चीन के साथ झड़प के बाद 4 जवानों की हालत गंभीर

Updated: | Wed, 17 Jun 2020 09:54 AM (IST)India China Boarder Tension Live Updates: खूनी संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हुए हैं, जबकि चीन के 43 सैनिक मारे गए हैं। भारत के चार सैनिकों की हालत गंभीर है।
India China Boarder Tension Live Updates: भारत और चीन के बीच लद्दाख में जारी तनाव उस समय बढ़ गया जब 14-15 जून की रात चीनी सैनिकों ने गलवन घाटी में भारतीय सैनिकों पर अचानक हमला कर दिया। दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुए खूनी संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हुए हैं, जबकि चीन के 43 सैनिक मारे गए हैं। भारत के चार सैनिकों की हालत गंभीर है। आशंका जताई जा रही है कि शहीदों की संख्या 24 पहुंच सकती है। इसके बाद से पूरी दुनिया में भारत चीन के इस तनाव की चर्चा है। दिल्ली में मोदी सरकार एक्शन में हैं। हाईलेवल बैठकों का दौर जारी है और चीन को जवाब देने की रणनीति बनाई जा रही है।
विपक्ष ने उठाए सवाल, राहुल गांधी ने पीएम मोदी से पूछा यह सवाल: चीन के मुद्दे पर भले ही अमेरिका और कनाडा समेत अन्य देश भारत के साथ खड़े नजर आ रहे हैं, लेकिन देश का प्रमुख विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठा रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर पीएम मोदी से पूछा है कि आखिर वे चुप क्यों हैं और क्या छूपा रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि भारतीय सैनिकों की शहादत बहुत ही चौंकाने वाली, डरावनी और अस्वीकार्य स्थिति है। कांग्रेस ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इस घटना का पूरा ब्योरा मांगा है। उसने इस बारे में देश को विश्वास में लेने को कहा है। साथ ही जमीनी हालात की जानकारी सभी राजनीतिक दलों के नेतृत्व को देने की मांग की है। कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने भारतीय क्षेत्र में चीन के कब्जे की बात पर अब तक चुप्पी साध रखी है। उन्होंने कहा कि भारत के सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लद्दाख के गलवन और पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र में चीन के आक्रामक रवैये पर भी उन्होंने मौन रखा है।
दूसरी ओर, महाराष्ट्र में कांग्रेस की सहयोगी शिवसेना ने पूर्वी लद्द्ाख में भारतीय और चीनी सेना के बीच हिसक झड़प पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। साथ ही कहा कि केंद्र सरकार को निर्वाचित विपक्ष को विश्वास में लेना चाहिए। शिवसेना की उपनेता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया कि सरकार को मीडिया के जरिये अपना प्रचार नहीं करना चाहिए। भारत सरकार अपने हितों को देख रही है, लेकिन हम स्पष्टता चाहते हैं। देश आपके साथ है लेकिन उन्हें भी जानने का हक है।
India China Boarder Tension पर चीनी सेना का बयान: चीनी सेना की कोशिश थी कि पीछे से वार कर भारतीय सैनिकों को नुकसान पहुंचाया जाए, लेकिन दांव उल्टा पड़ गया। भारतीय सैनिकों के पलटवार में चीन को अपने 43 जवानों की जान से हाथ धोना पड़ा गया। अब चीनी सेना की ओर से बयान आया है। चीनी सेना के प्रवक्ता ने कहा है कि भारत बॉर्डर पर तैनात अपने जवानों को नियंत्रण में रखें। जाहिरतौर पर मुंह की खाने के बाद चीन और उसकी सैना बैकफूट पर है। वहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को मिलते समर्थन से भी चीन पीछे हटने को मजबूर हो रहा है।
India China Boarder Tension में अमेरिका की एंट्री: भारत चीन तनाव पर अमेरिका का बयान आ गया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि दोनों देश मिलकर विवाद का शांतिपूर्ण हल निकाल लेंगे। बता दें, कुछ दिन पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया था कि भारत चीन विवाद पर उनकी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात हुई है और यदि दोनों देश (भारत चीन) चाहें तो वे (ट्र्म्प) मध्यस्थता करने को तैयार हैं। हालांकि भारत और चीन, दोनों देशों ने ट्रम्प का यह प्रस्ताव ठुकरा दिया था।