
रक्षाबंधन की अनोखी परंपराएं
– राजस्थान में ननद अपनी भाभी को विशेष प्रकार की राखी बांधती हैं जिसे लुम्बी कहते हैं।
– महाराष्ट्र में यह त्योहार नारियल पूर्णिमा या श्रावणी के नाम से प्रचलित है।
– तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र और ओडिशा के दक्षिण भारतीय इस पर्व को अवत्तिम कहते हैं।
Multapi Samachar की ओर से सभी देश वासियों को रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकांमनाएं
देशभर में आज भाई बहन का त्योहार यानी रक्षाबंधन मनाया जा रहा है। बहनें शुभ मुहूर्त में अपने भाइयों को राखी बांधेंगी और लंबी उम्र की कामना करेंगी। वहीं भाई बहन की उम्रभर रक्षा करने का वचन देगा।
आज राखी बांधने के शुभ मुहूर्त हैं – सुबह 9 से 10.30 बजे तक शुभ, दोपहर 1.30 से दोपहर 3 बजे तक चंचल, दोपहर 3 से शाम 4.30 बजे तक लाभ, शाम 4.30 से शाम 6 बजे तक अमृत, शाम 7.03 से रात 8.33 बजे तक चंचल। वहीं सुबह 10.50 से 12.30 तक अभिजीत मुहूर्त बताया गया है। भारतीय धर्म ग्रंथों में भी राखी का महत्व बताया गया है।
रक्षाबंधन पर यदि बहनें, अपने भाईयों को उनकी राशि के अनुसार राखियां बांधती हैं, तब इस त्योहार का महत्व और भी ज्यादा बड़ जाता है। पंडित विशाल दयानंद शास्त्री बता रहे हैं कि किस राशि के अनुसार कौन से रंग की राखियां अपने भाईयों को बांधें।
राखी बांधते समय बहनें इस मंत्र का उच्चारण करें तो भाई की आयु में वृद्धि होती है
‘येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वांमनुबध्नामि, रक्षे मा चल मा चल।।
“इन पंक्तियों का अर्थ यही है कि जिस रक्षा सूत्र से महान शक्तिशाली राजा बलि को बांधा गया था उसी सूत्र से मैं आपको बांध रहा हूं। आप अपने वचन से कभी विचलित न होना।