
RELAXO FOOTWEAR SHOWROOM
Near union bank ganj betul 460001
Contact:- 07141233406
RELAXO FOOTWEAR SHOWROOM
Near union bank ganj betul 460001
Contact:- 07141233406
मुलतापी समाचार मनोज कुमार अग्रवाल
भोपाल: मध्य प्रदेश के किसान वैसे भी काफी परेशान हैं अब उसे फसल के नुकसान की भरपाई के लिए उसे उम्मीद थी कि पुराने बीमे की रकम आएगी तो राहत मिलेगी, लेकिन कई जगह जब किसानों के अकाउंट में रकम आई तो उनके होश उड़ गए। किसी इलाके में किसान को ₹1 मिला तो किसी इलाके में 11 रूपए। इतना कम पैसा आने पर अन्नदाता आक्रोशित है। साथ ही कांग्रेस को बैठे-बिठाए एक मुद्दा मिल गया है। कांग्रेस ने इसे लेकर विरोध तेज कर दिया है। कांग्रेस इस मुद्दे को जमीन पर उतारने की तैयारी कर रही है।
मध्य प्रदेश के 22 लाख अन्नदाताओं को शिवराज सिंह चौहान ने पिछले साल के नुकसान की बीमे की राशि उनके खाते में ट्रांसफर की। इस कार्यक्रम में उनके साथ उज्जैन में कृषि मंत्री कमल पटेल और वरिष्ठ अफसर भी मौजूद थे। लेकिन किसानों के अकाउंट में जब पैसा पहुंचा तो वह खुश होने के बजाय और नाराज हो गए। एक तरफ अतिवृष्टि से फसल बर्बाद ऊपर से बीमे की रकम के नाम पर 1 रुपए खाते में आया। बैतूल जिले में किसान के खाते में 92 रुपए आए।
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि यह बीमा कंपनी की गलती है। समीक्षा बैठक में निर्देश जारी किए गए थे कि किसानों का कोई भी क्लेम 2 हजार रुपए से कम का नहीं बनेगा। अगर किसानों को 2-4 रुपए का बीमा आया है तो गलत है। इस पर जांच होगी।
अब जब कम से कम 2 हजार रुपए किसानों के खाते में डालने के निर्देश है तो एक रुपए से लेकर 100 रुपए तक की रकम कैसे पहुंची यह बड़ा सवाल है।
मुलतापी समाचार
मुलतापी समाचार मनोज कुमार अग्रवाल
मुरैना: मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के अंबाह थाना क्षेत्र में चंबल नदी में पानी पीने गई एक किशोरी को मगरमच्छ ने अपना शिकार बना लिया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार किशोरी निकिता सखवार (15) कल अपने चचेरे भाई और बुआ के साथ चंबल पर लकड़ी एकत्रित करने गई थी। जब उसे प्यास लगी तो वह चंबल नदी में पानी पीने गई जैसे ही उसने पानी पीने का प्रयास किया तभी अचानक मगरमच्छ ने उस पर हमला कर दिया और उसे खींच कर नदी में ले गया। पुलिस और परिजनों ने करीब 6 घंटे तक उसकी तलाश की लेकिन उसका कोई पता नहीं चल सका है। पुलिस के अनुसार आज फिर से तलाशी अभियान चालू किया जाएगा।
मुलतापी समाचार
मुलतापी समाचार मनोज कुमार अग्रवाल
धामनोद धार मध्य प्रदेश: रविवार सोमवार की दरमियानी रात तकरीबन 11:00 बजे इंदौर से मुंबई की ओर जा रही निजी ट्रैवल्स की बस क्रमांक 04 पीए 3778 दूधी तिराहे पर मधुबन होटल के सामने स्पीड ब्रेकर पार कर जैसे ही आगे बढ़ी वैसे ही उसमें तेज धमाका हुआ और आग लग गई। इसके बाद यात्री घबराकर उठ गए और सावधानी से अपने सामान सहित बस से नीचे उतर गए । इसके बाद बस ऊंची लपटों के साथ जलने लगी। घटना की सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियां और धामनोद पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और आग पर काबू पाया। गनीमत रही कि किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई और ना ही किसी के सामान का नुकसान हुआ।
मुलतापी समाचार
साथियों, नमस्कार.
पत्रकारों की असमय मृत्यु , गंभीर रूप से घायल होने या फिर गंभीर रूप से बीमार होने पर आर्थिक सहायता
केंद्र सरकार ने लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को मजबूती प्रदान करने के लिए ‘पत्रकार वेलफेयर स्कीम‘ में संशोधन कर दिया है। यह देशभर के सभी पत्रकारों के लिए लागू हो गया है। … यदि किसी जर्नलिस्ट का निधन हो जाता है या फिर वह विकलांग हो जाता है, तो इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार उसके आश्रितों को 5 लाख रुपए की सहायता देगी।
इस समूह में हम सभी देश के पत्रकार शामिल हैं. ऐसे में मेरी आप सभी से विनती है कि आप अपने-अपने प्रदेशों के पत्रकारों के बीच यह सूचना अवश्य पहुंचाने का कार्य करें कि केंद्र सरकार की ओर से सूचना प्रसारण मंत्रालय के अधीन जर्नलिस्ट वेलफेयर स्कीम नामक एक योजना है. जिसमें कि पत्रकारों की असमय मृत्यु , गंभीर रूप से घायल होने या फिर गंभीर रूप से बीमार होने पर आर्थिक सहायता का प्रावधान है.
जब भी कोई आवेदन आता है तो एक कमेटी उस पर निर्णय करती है. जिसके आधार पर संबंधित पत्रकार या उनके परिवार को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है. यह सहायता अधिकतम ₹5 Lakh तक की होती है.
हमारा प्रयास है कि इस योजना के तहत देश भर के गांव तालुका स्तर तक के पत्रकारों को भी आर्थिक सहायता हासिल हो. जो भी वास्तविक जरूरतमंद पत्रकार हो उनके परिजनों को सहायता मिलनी चाहिए. सरकार की ओर से भी इसमें कोई बाधा नहीं है. वास्तविक जरूरतमंदों को सहायता देने के लिए इस योजना में प्रावधान है.
अधिक जानकारी के लिए – http://pib.nic.in/prs/JWSguidelinesEnglish.pdf?Sel=17&PSel=2 इस लिंक पर जा सकते हैं।अथवामहानिदेशक (मीडिया एवं संचार), प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो, ‘ए’ विंग, शास्त्री भवन, नई दिल्ली -110001 से भी संपर्क किया जा सकता है।जिन पत्रकारों या उनके परिजनों को सहायता चाहिए, वे विहित फॉर्म पर अपने आवेदन दिए गए पते पर भेज सकते हैं। तीन पृष्ठों के इस फॉर्म का नमूना प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पत्र सूचना ब्यूरो) PIB की वेबसाइट pib.nic.in से डाउनलोड कर सकते है।
केंद्र सरकार ने लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को मजबूती प्रदान करने के लिए ‘पत्रकार वेलफेयर स्कीम’ में संशोधन कर दिया है। यह देशभर के सभी पत्रकारों के लिए लागू हो गया है। दरअसल केंद्र सरकार ने पत्रकारों के कल्याण के लिए इस स्कीम को 01फरवरी 2013 में लागू किया गया था। अब इसमें 05 मार्च 2019 से संशोधन किया गया है, जिसका फायदा सभी जर्नलिस्ट्स ले सकेंगे। यदि किसी जर्नलिस्ट का निधन हो जाता है या फिर वह विकलांग हो जाता है, तो इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार उसके आश्रितों को 5 लाख रुपए की सहायता देगी। वहीं, इलाज के लिए भी पत्रकार को सरकार की ओर से 5 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। इस योजना की पात्रता के लिए एक समिति का गठन भी किया गया है, जिसके संरक्षक केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री होंगे। वहीं, विभाग के सचिव अध्यक्ष, प्रधान महानिदेशक, एएस एंड एएफ, संयुक्त सचिव समिति के सदस्य हैं। वहीं, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के उप सचिव अथवा निदेशक सदस्य संयोजक हैं।
इस समिति का काम होगा कि ये पीड़ित पत्रकार या फिर उनके परिजनों के आवेदन पर विचार करे तथा उसके मुताबिक आर्थिक सहायता देने का फैसला ले। इस योजना के तहत एक अच्छी बात यह है कि इसमें केंद्र या राज्य सरकार से अधिस्वीकृत पत्रकार होने का कोई बंधन नहीं है।
ऐसे में आप अपने-अपने प्रदेशों और सर्किल के सभी पत्रकारों तक यह बात जरूर पहुंचाएं कि अगर किसी पत्रकार की असमय मृत्यु हो जाती है, वह गंभीर रूप से बीमार है या फिर किसी गंभीर दुर्घटना का शिकार हो गए हैं तो आर्थिक सहायता के लिए पीआईबी वेबसाइट पर जर्नलिस्ट वेलफेयर स्कीम के तहत आवेदन करें
धन्यवाद
फॉर्म भरने के लिए सामान्य निर्देश
कृपया ऑनलाइन फॉर्म भरना शुरू करने से पहले ध्यानपूर्वक निम्नलिखित निर्देश पढ़ें।
http://pibaccreditation.nic.in/jws/ApplicationJWS.aspx
1. सभी तारांकित बिंदु अनिवार्य है। किसी एक को भी खाली छोड़ देने से आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
2. कृपया आवेदक पत्रकार का पूरा नाम भरें।
3. जन्म तिथि वही होनी चाहिए जैसा कि संलग्न किए गए दस्तावेज़ी प्रमाण में दर्शाई गई है।
4. आवास के प्रमाण सहित डाक का पूरा पता दें।
5. सुनिश्चित करें कि मोबाइल नं. और ईमेल की प्रविष्टि ठीक प्रकार से की गई है, क्योंकि यदि आवश्यक हुआ तो आपसे संपर्क करने के लिए इनका प्रयोग किया जाएगा।
6. पत्रकारिता संबंधी कैरियर के आरंभ से लेकर अभी तक के कार्य अनुभव का पूरा ब्यौरा दें तथा ऐसे सभी संगठनों के संबंध में कार्यग्रहण की तारीख एवं कार्यभार मुक्त होने की तारीख, दोनों की सूचना दें।
7. संगठन का पूरा नाम और उसमें धारित पदनाम लिखें।
8. वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए उपयुक्त कारण का चयन करें; उसके लिए दस्तावेज़ी प्रमाण प्रस्तुत करें।
9. मांगी गई वित्तीय सहायता के लिए-विविध बिलों की स्थिति में सभी बिलों/रसीदों का अलग-अलग बिल संबंधी संक्षिप्त विवरण संलग्न करें।
10 अन्य स्रोतों से मांगी गई/प्राप्त वित्तीय सहायता का पूर्ण ब्यौरा उपलब्ध कराएं।
11 पत्रकार का प्रत्यायन संबंधी ब्यौरा उपलब्ध कराएं जिसमें कार्ड संख्या, वैधता और मीडिया संगठन (अथवा फ्रीलांस), जिसकी तरफ से प्रत्यायन दिया गया है, का ब्यौरा शामिल हो।
12 यदि मीडियाकर्मी सीजीएचएस लाभार्थी था, तो सीजीएचएस सुविधा का लाभ प्राप्त न करने के कारण बताएं।
13 पत्रकार की मृत्यु/ विकलांगता की स्थिति में, परिवार के सदस्यों का ब्यौरा तथा वेतन आदि सहित रोज़गार का ब्यौरा प्रस्तुत करें।
14 अधिदेश प्रपत्र में सभी कॉलम भरें। बैंक खाता संख्या और बैंक का एमआईसीआर कोड ध्यानपूर्वक भरें।
15 प्रत्येक दस्तावेज़ के उपयुक्त विवरण सहित सभी अपेक्षित दस्तावेज़ अपलोड करें। बेहतर होगा कि अपलोड करने से पहले दस्तावेज़ों का इस प्रकार सूचीकरण करें कि उनकी पहचान करना आसान हो जाए।
16 यह देखने के लिए कि फॉर्म पूरी तरह और ठीक प्रकार से भर लिया गया है, आवेदन का पूर्वावलोकन करें और उसके पश्चात् सबमिट बटन पर क्लिक करें। एक बार सबमिट बटन पर क्लिक हो जाने पर आवेदन में संशोधन नहीं किया जा सकता।
कृपया नोट करें: आप केवल तभी सबमिट कर पाएंगे जब सभी अनिवार्य बिंदु भर लिए गए हों।