प्रतियोगिता में क्षेत्र ,उम्र और लिंग का कोई बंधन नहीं है
प्रतियोगिता के प्रथम पाँच विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत
प्रश्नावली हल करके सुखवाड़ा के व्हाट्सएप्प नंबर 9425392656 पर 30 सितम्बर 2020 तक उपलब्ध कराने का अनुरोध
मुलतापी समाचार
भोपाल। गाँव में निवासरत होने और शिक्षा तथा रोजगार के लिए शहर का रुख करने वाले पवार जन अपनी जमीन ,भाषा और संस्कृति से कितने जुड़े हैं यह जानने के उद्देश्य से पवारी भाषा और संस्कृति ज्ञान परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। राष्ट्रीय भर्तृहरि -विक्रम -भोज पुरस्कार समिति भारत और सुखवाड़ा ई -दैनिक और मासिक भारत के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस प्रतियोगिता में क्षेत्र ,उम्र और लिंग का कोई बंधन नहीं है। पोवारी ,पंवारी, भोयरी और पवारी भाषा और संस्कृति में समानता होने के साथ -साथ मूल शब्द लगभग एक से ही हैं।
प्रतियोगिता के प्रथम पाँच विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जायेगा और ई -प्रशस्ति पत्र भी दिया जायेगा। 85 % या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले शेष सभीप्रतिभागियों को ई -प्रशस्ति पत्र दिया जायेगा। प्रश्नावली को कॉपी पेस्ट करके और हल करके सुखवाड़ा के व्हाट्सएप्प नंबर 9425392656 पर अनिवार्यतः 30 सितम्बर 2020 के शाम 5 बजे तक उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने का अनुरोध है।
पवारी भाषा और संस्कृति ज्ञान परीक्षा प्रश्नावली
- प्रतिभागी का नाम
- उम्र
- गाँव /शहर का नाम
- व्हाट्सप्प न
- प्राप्ताँक ————-(मूल्यांकनकर्त्ता के उपयोग हेतु )
- पखवाड़ा या पाक्षिक को पवारी भाषा में कहा जाता है ——
- अधिकमास या मलमास को पवारी भाषा में कहा जाता है ——–
- आई अखाड़ी आया सन, गई ————— गया सन।(कहावत पूरी करिये)
- रफाड़ में बैलों को चरने के लिए बाँधी गई लम्बी रस्सी कहलाती है ——-
- “इत सी गई उगी मुगी, उत सी आई गाल फुगी” पहेली का उत्तर है ——
- गूँजे- पपड़ी मुख्यतः किस त्योहार से जुड़े हुए व्यंजन हैं ——
- नदी नाले में अस्थायी रूप से सिंचाई के लिए बनाया गया अस्थायी कुँआ कहलाता है —-
- “हरि लिली पति रे मरो देवता भोली या बिनती भली रे देव” लोकगीत किस अवसर पर गया जाता है –
- सेवा भगत, सेवा भगत सम्बोधन का उपयोग किस यात्रा के दौरान किया जाता है
- दीपावली के कितने दिन बाद मुलताई का कार्तिक मेला प्रारम्भ होता है –
- .मुलताई तहसील से निकलने वाली दो पवित्र नदियों के नाम हैं –
- बालाघाट जिले के पवार किस नदी विशेष के नाम से जाने जाते हैं –
- आम की —— ——और ———- गिरने के बाद आम को उतारा जाता है।
- बाट की लाड न लाहुरया लिहे ओ लाहुरया लिहे ओ -गीत किस अवसर पर गाया जाता है-
- विवाह अवसर पर काज करते समय गाये जाने वाले गीत के बोल हैं –
- बैलगाड़ी में क्रमशः आगे अधिक भार और पीछे अधिक भार होने पर दर्शाने हेतु किन शब्दों का उपयोग करते हैं –
- पान्ढुर्णा का प्रसिद्ध गोटमार मेला किस तिथि को आयोजित होता है –
- गाँव के बाहर जानवरों के खड़े रहने हेतु सुरक्षित स्थान कहलाता है –
- गाँव में बारात पहुँचने पर बारात का स्वागत कर उसे लाने की रस्म कहलाती है –
- .”टाली” गाय को और “खुखड़ा” मुर्गा को कहा जाता है। यह किस भाषा के शब्द है –
- “खांसी खोखला घेऊन जाय नारबोद” प्रभाती किस तिथि पर गायी जाती है –
- गाँव की सीमा रेखा को —————- कहते हैं।
- नदी में बाढ़ आती है और नाले में ——————-
- मसाला बाँटने वाले पत्थर कहलाते हैं ————– —————
- पत्थर की हाथ चक्की ——————– कहलाती है और मिट्टी की हाथ चक्की ————————-कहलाता है।
- ओखली का जोड़ीदार —————- और मोट के चका का जोड़ीदार —————–
- बैलों को हल में जोतने पर जोत बांधते हैं और बैलगाड़ी में जोतने पर ————————
- फाड़ा में कुल नग होते हैं ————-और ठाना में कुल नग होते हैं —————-
- कूड़ो से छोटा माप पायली ,पायली से छोटा माप —————— और उससे छोटा ————–
- मोजना याने —————डंगेला याने——————-
- आठ हाथ काकड़ी ———————-हाथ बीजा। (मुहावरा पूरा करिये।)
- “एक हाथ लकड़ी दो हाथ छिल्पा”का अभिप्राय है —————————-
- “कुल्हाड़ी को एक वार सी झाड़ नी कटत” का अर्थ है ——————-
- “आम उतर जाना” का अभिप्राय है ——————–
- नागर की मूठ होती है और बक्खर का —————- होता है।
- महिलाओं की पिवसी होती है और पुरुषों की ————————–
- आंजुर याने अंजुलि और ठोमा याने ————–
- औकार याने ——————-
- पेज़ कोदो कुटकी सावा से बनती है और ढासला ————— और ————— से
- गुड़ का बड़ा और भारी जमाव ————– कहलाता है और छोटी तथा हल्की जमाव ———————–
- तरल गुड़ ——————— कहलाता है और चाके में जमे गुड़ के ऊपर जमी हलकी परत कहलाती है ————–
- बफोड़ी बनाने के लिए प्रयुक्त बर्तन————— और प्रक्रिया ———————–
- पगड़ी को पवारी में कहते हैं ————————-
- रस्सी आटने वाला चक्र कहलाता है ——————-
- “भाई भरय एक बार, भाभी भरय बार बार”.पहेली का अर्थ है —————-
- “तू चल्यो समधी तू चल्यो रे तू ते नाचत चल्यो ,हाथ म दोना ले चल्यो रे , पातर चाटत चल्यो ” लोकगीत कब गाया जाता है ————————
- हँसी ख़ुशी और स्वस्थ सुखी के संदेशे के लिए पवारी का एक शब्द है ————————–
- मराठी भजन के साथ मंजीरे और पवारी भजन के साथ —————————बजायी जाती है।
- पवारी में गर्मी और ठण्ड की ऋतु को कहते हैं —-
- दीमक का घर कहलाता है——————– और चूहे का घर कहलाता है ——————
मनमोहन पंवार ,प्रधान संपादक, मुलतापी समाचार