
मुलतापी समाचार
Betul News
जिले के अधिकतर गांवों में मवेशियों में फैली लम्पी स्किन डिसिज पशुपालकों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। इस बीमारी के मुख्य लक्षणों में देखा गया है कि पशु को 2-3 दिनों तक बुखार रहता है। पशु के शरीर की त्वचा पर छोटी-छोटी गांठे बन जाती है और पशु के एक पैर पर सूजन भी देखी जाती है। हालांकि इस बीमारी में मृत्युदर बहुत ही कम है, परन्तु इस बीमारी के कारण पशुओं की दुग्ध उत्पादन में बहुत कमी आ जाती है और कभी-कभी गर्भपात भी हो जाता है।यह एक संक्रामक विषाणु रोग है, जो गौवंशीय एवं भैंसवंशीय में मच्छरों, मक्खियों और किलनी द्वारा बीमार पशुओं से स्वस्थ पशुओं में फैलता है।
अत: बीमार पशु को स्वस्थ पशु से अलग बांधकर इस बीमारी को रोका जा सकता है।उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. केके देशमुख ने पशुपालकों से अपील की है कि इस बीमारी के लक्षण पशुओं में नजर आते ही जिला पशु चिकित्सालय या अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय को तुरंत सम्पर्क करें एवं इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए बीमार पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखा जाए एवं पशुओं की आसपास की जगहों की अच्छे से कीटनाशक से साफ-सफाई की जाए ताकि पशुओं के आस-पास मक्खी, मच्छर, किलनी, गोचड़ी आदि समाप्त किए जा सके तथा इस बीमारी को और फैलने से रोका जा सके।