
आरोप है कि जिला अस्पताल के कर्मचारी मरीजों की नही करते परवाह, न ही मरीजों का सही से इलाज करते है
मरीजों को करते है अंदेखा
नर्सों को कहने पर बदतमीजी करनेे लगती हैै
आये दिन जिला अस्पताल प्रबंधन पर लग रहें है गंभीर अरोप
मुलतापी समाचार
Betul News
District Hospital Betul
जिला अस्पताल में डाक्टर समेत स्वास्थ्यकर्मियों की बड़ी लापरवाही सोमवार रात 11 बजे सामने आई है। यहां प्रसव के लिए पहुंची एक गर्भवती को समय पर भर्ती नहीं किया गया, जिसकी वजह से उसने प्रसूति वार्ड के गेट पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। फर्श पर पड़े नवजात को बिलखता और प्रसूता को बेहोश अवस्था मे देखकर आसपास मौजूद लोगों ने जब शोर मचाया और इसका विरोध किया तब जाकर प्रसूति वार्ड के स्टाफ ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया।
प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो थोड़ी देर प्रसूता को अस्पताल में नहीं भर्ती किया जाता तो उसकी जान भी जा सकती थी। इस मामले में 108 एम्बुलेंस, सुरक्षा गार्ड, वार्ड बॉय सहित ड्यूटी डॉक्टर की लापरवाही सामने आ रही है। सीएमएचओ प्रदीप धाकड़ ने बताया कि मामला गंभीर है, वे स्वयं अस्पताल जाकर जांच करेंगे।
दरअसल बैतूल से 12 किमी दूर बोड़ी गांव की वृद्धा मुन्नी बाई प्रसव पीड़ा से तड़पती अपनी बेटी को लेकर 108 एम्बुलेंस से जिला अस्पताल पहुची थी। गांव से आशा कार्यकर्ता ने भी उसे अकेले भेज दिया। एम्बुलेंस चालक ने गर्भवती को प्रसूति वार्ड के गेट पर ही उतार दिया और वृद्ध महिला को पर्ची बनवाने के लिए ट्रामा सेंटर से दूर मुख्य अस्पताल भेज दिया। इस बीच गर्भवती गेट पर ही आधे घंटे तक तड़पती रही और गेट के बाहर ही बच्चे को जन्म दे दिया। समय पर उपचार नहीं मिल पाने के कारण उसका काफी रक्तस्राव भी हो गया जिससे वह बेहोश हो गई।
जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती मरीजों के परिजनों और अन्य लोगों की नजर जब प्रसूता पर पड़ी तो उन्होंने हंगामा कर दिया, जिसके बाद नींद से जागे अस्पताल प्रशासन ने प्रसूता को भर्ती कराया। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर रंजीत राठौर का कहना है कि 108 एंबुलेंस चालक की लापरवाही है। जब मरीज की कंडीशन सीरियस थी तो चालक को इसकी जानकारी स्टाफ को देनी थी लेकिन वह प्रसूता को गेट पर ही उतार कर भाग गया। अस्पताल के सिविल सर्जन अशोक बारंगा का कहना है कि उन्हें इसकीं जानकारी नही है, ऐसा हुआ है तो पता लगाते है किसकी गलती है।