मालवा-निमाड़ (नईदुनिया टीम)। कोरोना महामारी के बीच प्रदेश में किसानों के लिए यूरिया खाद का संकट खड़ा हो गया है। मालवा-निमाड़ के कई जिलों में कपास, मक्का, केला, गन्ना और सब्जियों की फसल के लिए किसान यूरिया मांग रहे हैं, लेकिन आपूर्ति नहीं हो रही है। गांवों की कुछ सहकारी संस्थाओं में एक सप्ताह से खाद नहीं है, जबकि जिम्मेदार अधिकारी कह रहे हैं कि रोज रैक लग रही है।
अकेले इंदौर संभाग में जून में ही लक्ष्य का आधे से अधिक यूरिया खत्म हो चुका है। 18 जून को शाजापुर के गांव बेहरावल में कृषि साख सहकारी संस्था में आए ट्रक से किसानों द्वारा डीएपी खाद उतार ले जाने का मामला सामने आया था। प्रबंधक ने कालापीपल थाने में 60 बोरी खाद चोरी होने का आवेदन दिया था।
खाद के मामले में प्रशासन ने समय रहते ध्यान नहीं दिया तो अन्य जिलों में भी ऐसी घटनाओं से इन्कार नहीं किया जा सकता।
मध्यप्रदेश सहकारी विपणन संघ के मुताबिक इंदौर संभाग के आठ जिलों के लिए 1 लाख 47 हजार 474 टन यूरिया का लक्ष्य तय किया गया था, पर जून अंत तक 73 हजार टन से अधिक यूरिया किसानों तक पहुंच चुका है। मार्कफेड के अधिकारी बताते हैं कि अधिकांश खाद निमाड़ के खरगोन-बड़वानी जिलों में लग रहा है। इंदौर जिले की कुछ संस्थाओं में भी यूरिया नहीं है, लेकिन यहां हालात नियंत्रण में हैं। किसी जिले में लक्ष्य का आधा तो कहीं इससे भी कम यूरिया उपलब्ध है।
खंडवा : दो हजार टन ही उपलब्ध खंडवा जिले में सोसायटियों में यूरिया उपलब्ध नहीं होने की शिकायतें सामने आ रही हैं। जिले में करीब दो हजार टन यूरिया ही उपलब्ध है, जबकि एक महीने में करीब दस हजार टन यूरिया की आवश्यकता पड़ेगी। कृषि उपसंचालक आरएस गुप्ता ने बताया कि दस हजार टन यूरिया की डिमांड शासन को भेज दी है।
झाबुआ : 45 हजार टन की जरूरत झाबुआ जिले में 45 हजार टन खाद की आवश्यकता है। फिलहाल 27 हजार टन ही उपलब्ध है। रविवार को जिले के मुख्य रेलवे स्टेशन मेघनगर पर खाद की रैक लगने का इंतजार किया जा रहा है।
खरगोन लक्ष्य : 63 हजार टन अब तक प्राप्त : 29 हजार टन इस सप्ताह की मांग : 10 हजार टन रकबा : 2 लाख 15 हजार हेक्टेयर (90 प्रतिशत बोवनी हो चुकी है) नीमच लक्ष्य : 17 हजार 400 टन अब तक प्राप्त : 7 हजार 255 टन रकबा : 1 लाख 77 हजार हेक्टेयर (50 प्रतिशत बोवनी हो चुकी है)
मंदसौर लक्ष्य : 25 हजार टन अब तक प्राप्त : 12 हजार 145 टन इस सप्ताह की मांग : 5 हजार टन रकबा : 3 लाख 29 हजार हेक्टेयर (लगभग 50 प्रतिशत बोवनी हो चुकी है)
धार लक्ष्य : 62 हजार टन अब तक प्राप्त : 33 हजार टन इस सप्ताह की मांग : 7 हजार टन रकबा : 5 लाख 14 हजार हेक्टेयर (92 प्रतिशत बोवनी हुई)
बड़वानी यूरिया की कुल मांग : 40 हजार टन भंडारण : 11 हजार 466 टन वितरण : 10 हजार 107 टन मांग : 10 हजार टन कुल रकबा : 2 लाख 38 हजार 250 हेक्टेयर
रतलाम जरूरत : 25 हजार टन अब तक प्राप्त : 17 हजार 996 टन इस सप्ताह की मांग : 7 हजार 855 टन रकबा : 3 लाख 16 हजार हेक्टेयर (50 प्रतिशत बोवनी हुई)
आलीराजपुर जरूरत : 17 हजार टन अब तक प्राप्त : 6265 टन बोवनी का लक्ष्य : 1.82 लाख हेक्टेयर (अब तक 60 प्रतिशत बोवनी हुई)
बुरहानपुर यूरिया की कुल मांग : 5000 टन भंडारण : 4700 टन जिले में कुल रकबा : 93 हजार हेक्टेयर (अब तक 75 प्रतिशत बोवनी हुई)
शाजापुर लक्ष्य : 12,500 टन वर्तमान में उपलब्ध : 9398 टन शनिवार को रैक से एक हजार टन यूरिया और मिला जिले में कुल रकबा : 2 लाख 82 हजार हेक्टेयर
इनका कहना है
लक्ष्य और जरूरत के हिसाब से हर जिले और हर केंद्र पर यूरिया का इंतजाम किया जा रहा है। खरीफ के लक्ष्य का आधे से अधिक खाद तो हम दे चुके हैं, लेकिन इस बार कुछ अधिक मांग आ रही है। खंडवा में यूरिया की लगातार रैक लग रही है। इंदौर में भी दो रैक लगने वाले हैं। यहां से अधिक जरूरत वाले जिलों और क्षेत्र में खाद भेजा रहा है।
-महेश त्रिवेदी, संभागीय प्रबंधक, मार्कफेड