बीजिंग। भारत जैसे देशों के लिए बहुत बड़ी चेतावनी है। चेतावनी यह कि जब कोरोना चीन में दोबारा भड़क सकता है तो फिर यहां भी भड़क सकता है। इसलिए एक बार कोरोना नियंत्रित हो जाये तो फिर लापरवाह नहीं हो जाना चाहिए। वरना ये दूसरे शहरों या प्रदेशों में पनप सकता है। चीन ने दावा किया था कि उसने कोरोना पर पूरी तरह नियंत्रण कर लिया है। लेकिन खबर आयी है कि चीन के नॉर्थ ईस्ट शुलान में कोरोना इतनी तेजी से भड़का कि चीन की शी जिनपिंग सरकार को न केवल वहां लॉक डाउन लगाना पड़ा बल्कि मार्शल लॉ भी लगाना पड़ा है।
चीन ने उत्तर कोरिया की सीमा से लगते अपने एक शहर में रविवार को 11 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद मार्शल लॉ लागू कर दिया।
शहर में घातक वायरस के फिर से तेजी से फैलने का भय पैदा हो गया है। सरकारी ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने खबर दी है कि वे लॉन्ड्रीवुमन के संपर्क में आने के बाद ये लोग कोरोना से संक्रमित हुए।
सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के जिलिन प्रांतीय समिति के सचिव बाईन चाओलू ने कहा कि शुलान शहर को सर्वाधिक खतरे के स्तर के एहतियात की जरूरतों के मुताबिक, मार्शल लॉ लगाना चाहिए। बाईन ने कहा कि शुलान में क्लस्टर संक्रमण से लोगों की जिंदगी को काफी खतरा हो सकता है। शुलान में शनिवार से स्थानीय समुदायों और गांवों में लॉकडाउन जारी है।
चीन में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 14 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें से एक कोविड-19 के केंद्र में रहे राज्य हुबेई में सामने आया है। इसके बाद देश में इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 82,901 हो गई हैं, जिनमें से 4,630 लोगो की मौत हो चुकी है। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने रविवार को बताया कि नए मामलों में 12 लोग देश में ही संक्रमित हुए हैं, जिनमें से एक व्यक्ति हुबेई प्रांत में संक्रमित पाया गया है।
हुबेई में पिछले 35 दिन से संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया था। यह संक्रमण सबसे पहले इसी प्रांत में फैलना शुरू हुआ था। एनएचसी ने बताया कि संक्रमण के 14 नए मामले शनिवार को सामने आए। इसके अलावा 20 ऐसे लोग भी संक्रमित पाए गए हैं, जिनमें संक्रमण के लक्षण दिखाई नहीं दे रहे है। ऐसे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 794 हो गई है, जिनमें लक्षण दिखाई नहीं दे रहे है। सरकारी संवाद समिति ‘शिन्हुआ’ ने बताया कि चीन में इस संक्रमण से 4,633 लोग मारे गए हैं। अमेरिका स्थित ‘जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी’ ने बताया कि वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस से 40 लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं और 2,79,311 लोगों की मौत हो चुकी है।
सोमवार को कनाडा में ‘वेस्टर्न कनाडियन सेलेक्ट’ ऑयल का भाव -$0.01 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया. वहीं, WTI का भाव भी 2 डॉलर प्रति बैरल से नीचे ट्रेड करता हुआ नजर आया.
नई दिल्ली. कोरोना वायरस संकट ने दुनियाभर के कच्चे तेल (Crude Oil Price) उत्पादकों के लिए सबसे बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. सोमवार को कारोबार के दौरान कनाडा के एक ऑयल प्रोडक्ट का भाव फिसलकर निगेटिव स्तर पर चला गया. इसके बाद अब ऑयल एंड एनर्जी सेक्टर ने कनाडा सरकार से मांग की है कि उन्हें राहत दी जाए.
तेल उत्पादकों का स्टोरेज फुल हफिंग्टनपोस्ट कनाडा ने कुछ ऑयल एनलिस्ट्स के हवाले से लिखा है कि ऐसे तेल उत्पादकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है जो ये कह रहे कि आप हमसे कुछ पेमेंट के साथ तेल भी फ्री में ले लें. इन उत्पादकों के पास अब स्टोरेज तक की जगह नहीं है. यह परेशानी खासतौर से उन उत्पादकों के लिए है जो ‘लैंडलॉक’ में हैं. इनके पास ग्लोबल शिपिंग रूट्स पर लिमिटेड एक्सेस है.
कई दशकों में सबसे बड़ी गिरावट इस सप्ताह कच्चे तेल की कीमतों में 40 फीसदी तक गिरावट देखने को मिली है. ब्लूमबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि बीते कुछ दशकों में ऐसा पहली बार हुआ है कि कच्चे तेल की कीमतों में इतनी बड़ी गिरावट आई है.
जीरो से नीचे पहुंचा कुछ प्रोडक्ट्स के भाव कनाडा में यूनाइटेड कंजर्वेटिव पार्टी के लीडर जेसन कन्ने (Jason Kenney) ने सोमवार को एक स्क्रीनशॉट शेयर कर कहा कि ‘वेस्टर्न कनाडियन सेलेक्ट’ ऑयल का भाव -$0.01 डॉलर प्रति बैरल भाव पहुंच गया है. कच्चे तेल के दाम में यह गिरावट इसके बाद आया, जब निवेशकों को लगा कि OPEC और सहयोगी तेल उत्पादकों द्वारा कटौती का फैसला पर्याप्त नहीं है.
Western Canadian Select oil is now trading at negative prices.👇
WTI के भाव में भी रिकॉर्ड गिरावट सोमवार को ही वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) का भाव 80 फीसदी लुढ़क गया. साल 2020 के शुरुआत में यह भाव 60 डॉलर प्रति बैरल था. एक समय तो यह 2 डॉलर प्रति बैरल से भी कम हो गया. जानकारों का कहना है कि WTI के भाव में यह गिरावट ट्रेडिंग कॉन्ट्रैक्ट डेडलाइन की वजह से आया है. ऑयल ट्रेडर्स के पास मंगलवार तक समय है कि वो अपने मौजूदा फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट को बेचें. वहीं, अन्य तरह के क्रुड ऑयल के दाम सप्लाई में भारी गिरावट की वजह से आ रहा है.
ब्रेंट भी 20 डॉलर प्रति बैरल कुल मिलाकर देखा जाए तो कोरोना वायरस की वजह से सभी तरह के कच्चे तेल का भाव रिकॉर्ड निचले स्तर पर है और इसमें लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. ब्रेंट क्रुड (Brent Crude Oil) के भाव में सोमवार को 6 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली. फिलहाल यह 20 डॉलर प्रति बैरल के करीब ट्रेड कर रहा है. कच्चा तेल उत्पादक देश और कंपनियां अपने आउटपुट को घटाने में जुटी हैं.
नई दिल्ली: पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब अख्तर ने भारत-पाकिस्तान से मिलकर कोरोनावायरस महामारी का सामना करने का अनुरोध किया है! शोएब अख्तर ने कहा कि संकट की इस घड़ी में दोनों देशों को एक दूसरे का साथ देना चाहिए! ऐसे समय में भारत यदि हमें 10000 वेंटिलेटर प्रदान करता है तो पाकिस्तान इसे हमेशा याद रखेगा!
उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान के बीच तीन वनडे मैचों की सीरीज कराई जानी चाहिए! जिससे काफी पैसा एकत्रित हो सकता है जो महामारी के समय में पीड़ितों के काम आएगा! दोनों देशों के तनावपूर्ण संबंधों के चलते कई सालों से इनके बीच कोई द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज नहीं खेली गई है! हम भारत के साथ क्रिकेट सीरीज का प्रस्ताव रख सकते हैं लेकिन इस पर फैसला तो अधिकारियों को लेना होगा! वैसे संकट के इस समय में यदि यह सीरीज होती है तो मैचों के परिणाम पर कोई देश निराश नहीं होगा! शोएब अख्तर ने कहा कि इस समय बात देश या धर्म की नहीं बल्कि इंसानियत की है!
अमेरिकी कंपनियों द्वारा उत्पादन बढ़ाने और विदेशों में खरीद के माध्यम से देश में आपूर्ति की कमी को खत्म करने की कोशिश की जा रही।
Multapi Samachar
वॉशिंगटन। अमेरिका में कोरोना वायरस से बुधवार को एक दिन में सबसे ज्यादा 884 मौतें हुई हैं। इसके साथ ही मृतकों की कुल संख्या बढ़कर पांज हजार के आंकड़े को पार कर गई। गुरुवार सुबह 02:35 बजे तक मृतकों का आंकड़ा 5117 हो चुका था। इससे पहले सोमवार को 500 से अधिक लोगों की मौत हो गई। वायरस की वजह से एक दिन में होने वाली मौतों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। अमेरिका में कोरोना वायरस की वजह से होने वाली मौतों की संख्या अभी इटली और स्पेन से कम है, लेकिन चीन से अधिक हो गई है, जहां 3,316 मौते हुई थीं।हालांकि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले 30 दिनों में सामाजिक दिशा-निर्देशों का कड़ाई के साथ पालन करने का आह्वान किया है, ताकि देश पटरी पर वापस आ जाए। राष्ट्रपति ने रोगियों के परीक्षण और उपचार और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए जरूरी चिकित्सा आपूर्ति की उपलब्धता के बारे में चिंताओं को दूर करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि अमेरिका “अच्छे आकार” में होगा जब मृत्यु दर दो सप्ताह में चरम पर पहुंचने की उम्मीद होगी, खासतौर पर वेंटिलेटर की उपलब्धता के संबंध में।
संयुक्त राज्य अमेरिका ने अमेरिकी कंपनियों द्वारा उत्पादन बढ़ाने और विदेशों में खरीद के माध्यम से देश में आपूर्ति की कमी को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। विशेषकर न्यूयॉर्क राज्य और शहर, न्यूजर्सी, वाशिंगटन आदि जैसे स्थानों पर कमी की शिकायतें बनी हुई हैं।
11 सितंबर के आतंकी हमले में भी मरे थे 3,000
बताते चलें कि अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को आतंकवादी हमलों में भी मारे गए लोगों की संख्या 3,000 से अधिक नहीं थी। अमेरिका में कोरोना वायरस के पुष्टि किए गए मामलों की कुल संख्या एक लाख 75 हजार 67 तक पहुंच गई है। सोमवार को लगभग 24,000 मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई थी।अमेरिका में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले हैं, जो पूरी दुनिया में मिले मामलों का पांचवां हिस्सा यानी 20 फीसद है। इसमें भी सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क राज्य है , जहां 67,000 मामले मिले हैं और 1,342 मौतों हो चुकी हैं। वहीं, न्यूयॉर्क सिटी में 914 से ज्यादा मौते हो चुकी हैं। न्यूयॉर्क ने राज्य के हालात में मदद करने के लिए देश के अन्य हिस्सों से डॉक्टरों और हेल्थकेयर पेशेवरों को आमंत्रित किया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपनी दैनिक ब्रीफिंग में विशेषकर वेंटिलेटर की कमी के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि हां, मुझे ऐसा लगता है कि हम बहुत अच्छे आकार में होने जा रहे हैं। उधर, प्रशासन ने आपूर्ति में कमी की शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए मास्क, गाउन और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए सुरक्षात्मक गियर, और वेंटिलेटर आदि की आपूर्ति के लिए खरीदारी को बढ़ाया है।
ट्रंप ने जोर देकर कहा कि चीन के साथ अच्छा संबंध है, लेकिन बीजिंग की पारदर्शिता पर विवाद ने तनाव बढ़ा दिया है।
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कोरोना वायरस की वजह से चीन में होने वाली मौतों की आधिकारिक संख्या पर संदेह जाहिर किया। दरअसल, एक अमेरिकी सांसंद ने खुफिया जानकारियों के हवाले से बीजिंग पर इस मामले को दबाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि “हम कैसे जानते हैं” कि वे (चीनी सरकार) सटीक आंकड़े दे रहे हैं। ट्रंप ने एक संवाददाता सम्मेलन कहा कि उनकी मौतों की संख्या कम लगती है।
ट्रंप ने जोर देकर कहा कि चीन के साथ अच्छा संबंध है और वह राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबी हैं। हालांकि, बीजिंग की पारदर्शिता पर विवाद ने तनाव बढ़ा दिया है। चीन ने बुरी भावनाओं को जोड़ते हुए एक साजिश सिद्धांत देते हुए कहा था कि कोरोना वायरस को फैलाने के लिए अमेरिकी सेना दोषी थी। ब्लूमबर्ग द्वारा अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस में रिपब्लिकन्स ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि बीजिंग ने स्पष्ट रूप से चीन के संक्रमण और मौतों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह किया है, जो साल 2019 के अंत में वुहान शहर में शुरू हुआ था।
ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कुछ खुफिया अधिकारियों ने बीजिंग की तरफ से आधिकारिक रूप से बताए गए मृतकों की संख्या को फर्जी करार देते हुए कहा है कि चीन ने जानबूझकर अधूरी रिपोर्टिंग की है। जिसमें जिसने पिछले हफ्ते व्हाइट हाउस को भेजे गए वर्गीकृत खुफिया दस्तावेज को उजागर किया था। जॉन्स होप्स यूनिवर्सिटी के एक रोलिंग ट्रैकर के अनुसार, चीन ने बुधवार को सार्वजनिक रूप से 82,361 पुष्ट मामलों और 3,316 मौतों की सूचना दी है। वहीं, इसकी तुलना में संयुक्त राज्य अमेरिका में अब तक दो लाख 6 हजार 207 मामले सामने आ चुके हैं और 4,542 मौतें हो चुकी हैं।
रिपब्लिकन सीनेटर बेन सासे ने बीजिंग के नंबरों को “कचरा प्रचार” करार देते हुए कहा कि यह दावा झूठा है कि चीन की तुलना में संयुक्त राज्य अमेरिका में कोरोना वायरस की वजह से अधिक मौतें हुई हैं। किसी भी क्लासीफाइड जानकारी पर टिप्पणी किए बिना उन्होंने कहा कि यह , बहुत स्पष्ट है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने झूठ बोला था, झूठ बोल है और अपने शासन को बचाए रखने के लिए वह कोरोना वायरस के बारे में झूठ बोलती रहेगी।
हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के शीर्ष रिपब्लिकन माइकल मैककॉल ने रिपोर्ट का जवाब देते हुए कहा कि COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में चीन भरोसेमंद साथी नहीं है। उन्होंने वायरस के इंसान से इंसान में फैलने के बारे में दुनिया से झूठ बोला, सच्चाई को सामने लाने की कोशिश करने वाले डॉक्टरों और पत्रकारों को खामोश कर दिया गया। अब जाहिरा तौर पर इस बीमारी से प्रभावित लोगों और मृतकों की संख्या को वे छिपा रहे हैं।
PM मोदी जी का खास संदेश कोराना – कोई रोड पर ना निकले
21 Days Lockdown : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए आज एक बड़ा ऐलान करते हुए 21 दिनों तक के संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। इसे सुनकर कई शहरों में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। किराना, सब्जी, दूध, दवा, पेट्रोल लेने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी है। लेकिन सरकार ने स्पष्ट किया है कि जरूरी सामान इन 21 दिनों में बाजार में उपलब्ध रहेंगे। किसी भी प्रकार से घबराने की जरूरत नहीं है। यहां हम आपको बता रहे हैं सरकार की गाइडलाइन। जानिये कितने तरह की जरूरी दुकानें, सेवाएं चालू रहेंगी। देखें पूरी लिस्ट।
इन सेवाओं पर रोक नहीं
सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक, स्वास्थ्य सेवाओं पर रोक नहीं रहेगी और दवा की दुकानें यानी मेडिकल स्टोर, मेडिकल इक्विपमेंट की दुकानें, पैथ लैब और राशन की दुकानें खुली रहेंगी… यानी अस्पताल, डिस्पेंसरी, क्लीनिक, नर्सिंग होम खुले रहेंगे। यही नहीं लोगों को डॉक्टर के यहां जाने और अस्पताल से घर आने की छूट होगी। पेट्रोल, सीएनजी, एलपीजी, पीएनजी जैसी जरूरी सेवाओं पर भी रोक नहीं लगेगी।
खुले रहेंगे पेट्रोल पंप
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि पेट्रोल, सीएनजी, एलपीजी, पीएनजी CNG, LPG, PNG जैसी जरूरी सेवाओं पर भी रोक नहीं लगेगी। यही नहीं बिजली उत्पादन, बिजली वितरण भी निर्बाध जारी रहेगा और विद्युत विभाग में काम करने वाले कर्मचारियों को भी काम पर जाने की इजाजत होगी। यही नहीं प्राइवेट सिक्योरिटी सेवाएं भी जारी रहेंगी।
इनका उत्पादन नहीं होगा बंद
सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि सभी उद्योग और कल कारखाने बंद रहेंगे। हालांकि, जरूरी सामानों का उत्पादन करने वाली इकाइयों को अपवाद के दायरे में रखा गया है। उत्पादन इकाइयों को भी अपवाद की श्रेणी में रखा गया है लेकिन इसके लिए राज्य सरकार से इजाजत लेनी होगी।
Lockdown लॉकडाउन पर ये हैं सरकार के निर्देश
मंत्रालयों, सरकारी विभागों, राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के लिए निर्देश
1.भारत सरकार के सभी कार्यालय, स्वायत्त एवं अनुषंगी इकाइयां और सरकारी कंपनियां बंद रहेंगी।
इन्हें रहेगी छूट : रक्षा, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, राजस्व, सीएनजी, पीएनजी, एलपीजी, पेट्रोलियम जैसी जन सुविधाएं, आपदा प्रबंधन, ऊर्जा, डाकघर, राष्ट्रीय सूचना केंद्र, चेतावनी एजेंसियां
2.राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों के कार्यालय, स्वायत्त एवं अनुषंगी इकाइयां, कंपनियां बंद रहेंगी।
इन्हें रहेगी छूट : क – पुलिस, होमगार्ड, अग्निशमन एवं आपात सेवाएं, आपदा प्रबंधन एवं जेल ख – जिला प्रशासन एवं राजस्व ग – बिजली, पानी एवं सफाई घ – नगर निकाय – केवल स्वच्छता एवं जलापूर्ति आदि से संबंधित अनिवार्य कर्मचारी उपरोक्त दोनों श्रेणियों में बताए गए कार्यालय न्यूनतम कर्मचारियों के साथ काम करेंगे। अन्य सभी कार्यालय केवल वर्क फ्रॉम होम कराएंगे।
3. अस्पताल एवं संबंधित चिकित्सा इकाइयां, उनके विनिर्माण एवं वितरण से जुड़ी इकाइयां, केमिस्ट, डिस्पेंसरी, नर्सिंग होम, एंबुलेंस एवं इनके आवागमन आदि कायोर् में जरूरी परिवहन चलते रहेंगे। इनके सहयोग के लिए जरूरी पैरा मेडिकल स्टाफ व अन्य को भी अनुमति रहेगी।
4. वाणिज्यिक एवं निजी कंपनियां बंद रहेंगी।
इन्हें रहेगी छूट : क-दुकानें, पीडीएस के तहत चलने वाली राशन दुकानें, खाने-पीने, दूध, रसोई के सामान आदि से संबंधित दुकानें। हालांकि, लोगों को घरों से कम से कम निकलना पड़े, इसके लिए जिला प्रशासन होम डिलीवरी को बढ़ावा देगा। ख -बैंक, इंश्योरेंस ऑफिस, एटीएम ग -प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया घ -दूरसंचार, इंटरनेट, ब्रॉडकास्ट एवं केबल सर्विस। आवश्यक सेवाओं से जुड़ी आइटी इकाइयां, हालांकि यथासंभव वर्क फ्रॉम होम।
5. ई-कॉमर्स के जरिये खाद्य पदार्थ, दवा, मेडिकल उपकरण समेत आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी
My fellow citizens, THERE IS ABSOLUTELY NO NEED TO PANIC. Essential commodities, medicines etc would be available. Centre & various state governments will work in close coordination to ensure this. Together, we will fight #COVID19 and create a healthier India. Jai Hind!: PM Modi
Ministry of Home Affairs will shortly issue guidelines of effective measures and exceptions to the essential services during this 21-day lockdown. There will shortly be an MHA 24/7 hotline to assist states during this period. #CoronavirusLockdown
Tamil Nadu: People throng a market to purchase vegetables in Coimbatore where restrictions under section 144 of CrPC are in place to contain the spread of #CoronavirusPandemic.
इटली : इटली के यह दोनों मियां बीवी डाक्टर है और दोनों दिन रात लग कर 134 मरोजो को बचाया लेकिन खुद 8 वे दिन क्रोना वायरस से बीमार हो गए और अलग अलग कमरे में शिफ्ट कर दिए गए जब दोनों मिया बीवी डाक्टर को लगा कि हम बच नहीं पाएंगे दोनों हॉस्पिटल के लांज में , खड़े होकर मुहब्बत भरी नज़रों से एक दूसरे को देखा , kiss किया और आधे घंटे के बाद दोनों मर गए
क्रोना तूने ऐसे डाक्टर की ज़िन्दगी लेली जो तुम्हे मात देने के लिए हर एक मिनट मरिजो को बचाने में लगे थे आखिर अपने वतन के लिए खुद को किया कुर्बान सलाम तुम्हे सलाम तुम्हारे जज्बे को
अब हम को लड़ना है थोड़ा सा ध्यान थोड़ी सी जागरूकता ।।
नई दिल्ली। भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए मोदी सरकार लगातार प्रयास कर रही है वहीं इस दिशा में एक बड़ी और अच्छी खबर आई है। इसके अनुसार, भारत यूके और फ्रांस को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। यह दावा एक अमेरिकी थिंक टैंक की रिपोर्ट में किया गया है। World Population Review नाम के इस थिंक टैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत एक ओपन मार्केट इकोनॉमी के रूप में विकसित हो रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2.94 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। पिछले साल इसने यूके और फ्रांस को इस मामले में पीछे छोड़ा है। इसने यूके जिसकी अर्थव्यवस्था 2.85 करोड़ है और फ्रांस जिसकी अर्थव्यवस्था 2.71 करोड़ है दोनों को पीछे छोड़ दिया है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पर्चेसिंग पावर पेरिटी के मामले में भारत की जीडीपी 10.51 ट्रिलियन डॉलर की हो गई है जो जर्मनी और जापान से ज्यादा है। हालांकि, आबादी के हिसाब से भारत की पर कैपीटा जीडीपी 2,179 डॉलर है वहीं अमेरिका कि इसके मुकाबले 62,794 डॉलर है। हालांकि, इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लगातार तीसरे साल भारतीय अर्थव्यवस्था 7.5 से 5 प्रतिशत पर आ सकती है।
रिपोर्ट ने ऑब्जर्व किया है कि भारत का आर्थिक उदारीकरण 1990 के दशक में शुरू हुआ था। भारत का सर्विस सेक्टर सबसे तेजी से बढ़ने वाला सेक्टर है जिसमें अर्थव्यवस्था का 60 प्रतिशत और रोजगार का 28 प्रतिशत है। बता दें कि यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब मोदी सरकार अर्थव्यवस्था को लेकर विपक्षी दलों के निशाने पर है और साथ ही मूडीज के अलावा अन्य एजेंसियों ने देश की जीडीपी रैंकिंग का अनुमान घटाया है। साथ ही केंद्र सरकार ने भी अपने जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 6-6.5 के बीच रहने का अनुमान जताया है।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस क्या एक जैविक हथियार है, जिसे वुहान 400 के नाम से चीन ने विकसित किया है? यह सवाल सोशल मीडिया पर कुछ दिनों से घूम रहा है और अब कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने यही सवाल अपने ट्वीट के माध्यम से किया है। कोरोना से हजारों लोगों के संक्रमण की जद मे आने और सैंकड़ों की मौत के बाद दुनिया में डर का माहौल है। वहीं, चीन अपनी तमाम कोशिशों के बावजूद इस पर काबू नहीं पा सका है। अपने सवाल के साथ साक्ष्य के रूप में मनीष तिवारी ने एक पुस्तक का जिक्र किया है और उसकी तस्वीर के साथ इसके कुछ अंशों को पढ़ने के लिए भी कहा है। इस पुस्तक में वुहान-400 वायरस का जिक्र है।
द आइज ऑफ डार्कनेस किताब
अमेरिकी लेखक डीन कुंट्ज ने 1981 में एक पुस्तक लिखी थी। इसका नाम ‘द आइज ऑफ डार्कनेस’ है और इसमें वुहान-400 वायरस का जिक्र है। साथ ही किताब ये भी बताती है कि इस वायरस को लेबोरेटरी के जरिए जैनिक हथियार के रूप में विकसित किया गया था।
ऐसे सामने आई किताब
एक ट्विटर यूजर डेरेन प्लेमाउथ इस अप्रकट संदर्भ को सोशल मीडिया तक ले आए हैं। उन्होंने किताब के आवरण पृष्ठ और एक पृष्ठ की तस्वीर अपने अकाउंट से शेयर की है। किताब में साफ नजर आता है कि उसमें वुहान-400 वायरस का जिक्र किया गया है। साथ ही उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि यह अजीब दुनिया है, जिसमें हम रह रहे हैं।
सन्न सोशल मीडिया
वुहान वायरस के बारे में इस किताब में पढ़कर के हर कोई सन्न रह गया। कई लोगों ने इसके बारे में अपनी राय रखी है। बहुत से लोगों ने कहा कि यह एक संयोग भर है, लेकिन बहुत से लोगों को लगता है कि यह महज संयोग भर नहीं है बल्कि इसमें कुछ न कुछ सत्यता जरूर है। एक शख्स ने लिखा है कि किसी भी कल्पना में थोड़ी बहुत सत्यता छुपी होती है।
यह है किताब में
द आईज ऑफ डार्कनेस एक थ्रिलर उपन्यास है। इसमें एक मां यह पता लगाने की कोशिश करती है कि क्या उसका बेटा वास्तव में एक साल पहले मर गया था या फिर वो अभी भी जीवित है। वह अपने बेटे का पता लगाने का फैसला करती है।
डीन कुंट्स को जानिए
अमेरिकी लेखक डीन कुंट्ज दुनिया में जाना पहचाना नाम है। एक शब्द में कहें तो उनकी शब्दों की दुनिया सस्पेंस थ्रिलर के इर्द गिर्द सिमटी है, जो आतंक, फंतासी, रहस्य और हास्य व्यंग्य का पुट लिए होती हैं। उनकी कई किताबें न्यूयॉर्क टाइम्स बेस्ट सेलर्स की लिस्ट में रही हैं। अपने शुरुआती लेखन में उन्होंने कई उपनामों से लिखा। उनकी किताबों की 38 भाषाओं में 50 करोड़ से ज्यादा प्रतियां बिक चुकी हैं। उनकी प्रमुख पुस्तकों में डेमन सीड, ओड थॉमस, वॉचर्स, फेंटम्स, इंटेंसिटी प्रमुख हैं।
उन अंशों में ये लिखा है
मनीष तिवारी ने किताब के जिन अंशों का जिक्र किया है उसमें लिखा है कि इसे वुहान-400 कहा गया है क्योंकि वुहान के बाहर स्थित आरडीएनए लैब में विकसित किया गया है। यह वायरस उस लैब में मानव निर्मित सूक्ष्मजीवों का चार सौवां स्ट्रेन था।
आज फिर पाथाखेड़ा के वार्ड 23 में वानर राज की करंट लगने से मौत हो गई ये लाइन हमारे लिए वरदान तो है लेकिन वन्य प्राणियों के लिए किसी मौत के मंजर से कम नही जो इसको छूते ही अपनी जान गवा देते है सारणी के CMO नगर पालिका परिषद सारणी व बिजली विभाग को ध्यान देना होगा