मुलतापी समाचार
बैतूल। अपनों के व्यवहार से दु:खी वृद्धजनों का एक ही सहारा होता है वृद्धाश्रम, जहां यह वृद्ध अपना समय तो जैसे-तैसे काट लेते है, लेकिन अपनेपन का एहसास बुजुर्गों से कोसो दूर चला जाता है। वृद्धाश्रम में रह रहे वृद्धजनों को उम्र के अंतिम पड़ाव में सहारा देने का उद्देश्य लेकर किन्नर समाज की गुरू शोभा ने वृद्धों की सुध लेनी शुरू की है। प्रति शनिवार जहां मातोश्री वृद्धाश्रम में रहने वाले वृद्धजनों को न केवल गुरू द्वारा भोजन कराया जाता है, बल्कि उनके साथ बैठकर उन्हें तसल्ली भी दी जाती है। यही नहीं वृद्धों की हर आवश्यकता की पूर्ति भी शोभा गुरू द्वारा पिछले तीन महीने से की जा रही है।

इस पुनीत कार्य को लेकर उन्होंने बताया कि वृद्धाश्रम में रहने वाले वृद्धों की तकलीफों का एहसास सिर्फ वे वृद्ध ही कर सकते है, जो उनके अपनों के सताए जाने के बाद अपने परिवार से दूर वृद्धाश्रम में शरण लेने के लिए मजबूर हो जाते है। वृद्धों की इसी तकलीफ को दूर करने के लिए वे प्रति शनिवार आश्रम में रह रहे लगभग 35 वृद्धों को अपने हाथों से भोजन कराती है। यही नहीं इन वृद्धों के लिए कपड़े, जूते, चप्पल, साबुन आदि उन सभी चीजों का प्रबंध भी उनके द्वारा किया जा रहा है, जिनकी आवश्यकता वृद्धजनों को हमेशा महसूस होती है। गुरू ने बताया कि इस कार्य में कुछ समाजसेवी भी उनका पूर्ण सहयोग कर रहे है, जिनमें सय्यद अलीम, अमीना बानो, पवन पंवार, विकास पंवार आदि शामिल है।