धामनोद धार मध्य प्रदेश: रविवार सोमवार की दरमियानी रात तकरीबन 11:00 बजे इंदौर से मुंबई की ओर जा रही निजी ट्रैवल्स की बस क्रमांक 04 पीए 3778 दूधी तिराहे पर मधुबन होटल के सामने स्पीड ब्रेकर पार कर जैसे ही आगे बढ़ी वैसे ही उसमें तेज धमाका हुआ और आग लग गई। इसके बाद यात्री घबराकर उठ गए और सावधानी से अपने सामान सहित बस से नीचे उतर गए । इसके बाद बस ऊंची लपटों के साथ जलने लगी। घटना की सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियां और धामनोद पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और आग पर काबू पाया। गनीमत रही कि किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई और ना ही किसी के सामान का नुकसान हुआ।
मानव सेवा ही परम धर्म: किसी का जीवन बचानेे हुतू एक अभिनव पहल
यह बृजभूषण डेहरिया है जिनकी आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है और अस्वस्थ है इनके पैर में एक्जिमा होने के कारण उनके पैर में रिएक्शन हो गया है इनका इलाज एमवाय अस्पताल में किया वहां के डॉक्टरों ने पैर काटने का बताया है पैर में इंफेक्शन बढ़ने के कारण पास बहुत अधिक बन रहा है पैरों के अंदर स्किन चमड़ी गलने लगी है जिसे देखते हुए डॉक्टरों की टीम ने पेर काट कर का इलाज बताया है वह बहुत है इनकी आर्थिक स्थिति बहुत बिगड़ चुकी है लॉकडाउन के समय से यह परेशान है
डहरिया जी छिंदवाड़ा केमूलनिवासी है परन्तु कार्य के अभाव में वह पीथमपुर के प्राइवेट सेक्युरिटी गार्ड का काम किया करते थे । अब वह बीमारी से लाचार पलंग पर ही रहते, जहाँ इनकी धर्मपत्नि इलाज करती है एवं मकान मालिक और मोहल्ले वाले चंदा एकत्रित कर भोजन दवाइयां जुटा कर सहयोग कर रहें है …
मेरा आप सभी से अनुरोध है की इनके परिवार की मदद की जाए और इस पहल को आगे बढ़ाया जाए मुलतापी समाचार धन्यवाद अधिक जानकारी हेतू संपर्क करें स्नेह लता डेहरी पत्नि जी का मों नं. 8718067029 सेंन्ट्रल बैंक बैंक एकाउंट नं. 3318364649
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इंदौर: मध्यप्रदेश में कोरोना के कहर के बीच इंदौर में कोरोना की रोकथाम में जुटी पुलिस को एक बार फिर निशाना बनाया गया। शहर के रावजी बाजार इलाके में लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार किया था। स्थानीय लोग इसके विरोध में सड़क पर उतर आए और थाने का घेराव कर दिया। जब पुलिस ने लोगों को रोकने की कोशिश की तो भीड़ में शामिल लोगों ने पथराव शुरू कर दिया।
स्थानीय लोग पुलिस के खिलाफ सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे थे। इन लोगों ने जुलूस निकाला और नारेबाजी शुरू कर दी। पुलिस ने इनसे वापस जाने की अपील की, लेकिन लोग नहीं माने। पुलिस ने जब इन्हें खदेड़ने की कोशिश की तो उनमें से कुछ लोगों ने पुलिस पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए।
इंदौर प्रदेश का सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित शहर है। यहां के कंटेनमेंट इलाकों में लोग लगातार कोरोना वारियर्स को निशाना बना रहे हैं।
इंदौर (indore) कोरोना (corona) पॉजिटिव मरीजों के ठीक होने की दर में इंदौर देश में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है. यहां का रिकवरी रेट 37.35 फीसदी है, जो जयपुर के बाद है.
इंदौर. मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में कोरोना से सबसे ज़्यादा संक्रमित शहर (indore) से आज राहत भरी खबर है. शहर में पॉजिटिव मरीज़ों की तादाद में कल कमी आयी. बुधवार देर रात 556 सैंपल की जो जांच रिपोर्ट आयी उसमें से 538 मरीजों में कोरोना नहीं है. सिर्फ 18 मरीज़ों की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है. यानि पॉजिटिव मरीज मिलने की दर 3.23 फीसदी हो गई है. हालांकि अभी 600 सैंपल पेंडिग हैं. ये सभी सैंपल जांच के लिए निजी लैब भेजे गए हैं.
अब तक 83 मरीजों की मौत इंदौर को कोरोना वायरस (corona virus) के संक्रमण से थोड़ी राहत मिलती दिखाई दे रही है. स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल बुलेटिन में पिछले 24 घंटे में 1174 मरीजों के सैंपल लिए गए जिसमें से 556 सैंपल की जांच की गई. इसमें 18 नए पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद ये आंकड़ा 1699 पर पहुंच गया है. मेडिकल बुलेटिन में 2 नए मरीजों की मौत की पुष्टि की गई है. इन्हें मिलाकर इंदौर में कोरोना से मरने वालों की संख्या 83 हो गई है. मृतकों में एक 50 वर्षीय मरीज़ इंदौर की गुलजार कॉलोनी का रहने वाला है. उनकी मौत 6 मई को हुई है. वहीं दूसरा मरीज 54 साल का महू का होटल व्यवसायी है. उनकी मौत 5 मई को हुई थी.स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक 1021 मरीजों का इलाज अभी शहर के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है.
रिकवरी रेट में इंदौर दूसरे नंबर पर
गुरुवार का दिन इंदौर के लिए अच्छी खबर लेकर आया. कोरोना पॉजिटिव मरीजों के ठीक होने की दर में इंदौर देश में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है. यहां का रिकवरी रेट 37.35 फीसदी है, जो जयपुर के बाद है. जयपुर का रिकवरी रेट 41.52 फीसदी है जबकि देश का औसत रिकवरी रेट 28.29 फीसदी है. इंदौर में अब तक 631 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके हैं. बुधवार को सबसे ज्यादा 134 मरीज विभिन्न अस्पतालों से डिस्चार्ज किए गए. इनमें अरबिंदों अस्पताल से 100 मरीज, इन्डेक्स हॉस्पिटल से 21 ,एमटीएच हॉस्पिटल से 6 और चौईथराम अस्पताल से 7 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौट गए.
इंदौर: इंदौर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 1568 पहुंच गई है! यहां अब तक 76 लोगों की जान जा चुकी है और 350 मरीज स्वस्थ होकर लौट चुके हैं! शनिवार को इंदौर में 23 पॉजिटिव मरीज मिले और 2 मरीज की मौत हुई है! शनिवार को मिले कोरोना positive मरीजों में इंदौर के प्रसिद्ध खजराना मंदिर के पुजारी भी शामिल हैं! प्रशासन ने पूरे परिवार के 14 सदस्यों को घर पर Quarantine किया है! वैसे सभी सदस्य स्वस्थ हैं! मंदिर के एक पुजारी ने बताया कि 6 अप्रैल को पूरे परिवार को बुखार आया था! लेकिन अब बाकी सभी सदस्य ठीक है!
रिपोर्ट के अनुसार शनिवार को एक साथ सबसे अधिक 121 लोग डिस्चार्ज किए गए! इसे मिलाकर अब तक कुल 350 मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके है! वही 1142 मरीजों का उपचार अस्पतालों में चल रहा है!
इंदौर: कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए इंदौर में 3 मई के बाद भी लॉक डाउन की अवधि बढ़ाई जा सकती है! कलेक्टर मनीष सिंह के अनुसार करीब 2 से 3 सप्ताह के लिए lockdown की अवधि बढ़ाई जा सकती है!
कलेक्टर का कहना है कि शहर के हालत को देखते हुए हर संभव फैसला लिया जाएगा! मनीष सिंह के अनुसार lockdown का तीसरा चरण सबसे सख्त रहेगा! Lockdown का उल्लंघन करने और बेवजह घूमने वालों को अब सीधे जेल भेजा जाएगा! कलेक्टर का कहना है कि इंदौर शहर कोरोना वायरस के खिलाफ अब बेहद मजबूत स्थिति में हैं इसलिए एहतियात बरतना आवश्यक है! शहर की स्थिति मार्च की तुलना में काफी सुधार की तरफ है!
शुक्रवार तक के आंकड़ों के अनुसार इंदौर में कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीजों की संख्या 1513 हो गई है! इस बीमारी से अब तक 72 लोगों की जान जा चुकी है! वही 187 लोग ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं!
इंदौर: इंदौर प्रदेश का ऐसा शहर बन गया है, जहां कोरोना के मरीजों का प्लाजमा थेरेपी की मदद से इलाज शुरू हो गया है! कोरोना के हॉटस्पॉट बने इंदौर के अरविंदो हॉस्पिटल में प्लाज्मा थेरेपी से मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया है! इंदौर के दो मुस्लिम युवा डॉक्टरों ने सबसे पहले अपना प्लाज्मा कोरोना ग्रस्त 2 मरीजों को दान किया है! जिसको लेकर उम्मीद जताई जा रही है कि इस थेरेपी की मदद से बेहतर परिणाम सामने आ सकते हैं!
कोरोना के इलाज में कारगर बताई जाने वाली प्लाज्मा थेरेपी उन मरीजों को दी जाएगी, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है! क्योंकि ऐसे कई मरीज हैं जिनका लंबे समय से इलाज चल रहा है लेकिन वह ठीक नहीं हो पा रहे हैं! अब तक जितने भी मरीज इस संक्रमण से ठीक हो चुके हैं, उनके शरीर में अब ऐसी एंटीबॉडीज बन गई हैं, जिसकी सहायता से उनका शरीर इस महामारी से लड़ने में कारगर साबित हो रहा है! ऐसे में में स्वस्थ हो चुका मरीज अपना प्लाज्मा गंभीर रूप से संक्रमित मरीज को देगा, तो उसके शरीर में भी वह एंटीबॉडीज पहुंचकर कोरोना से लड़ेगी!
इंदौर के दो मुस्लिम डॉक्टरों डॉ इजहार मोहम्मद मुंशी और डॉ इकबाल कुरैशी ने सबसे पहले अरविंदो हॉस्पिटल में अपना प्लाज्मा डोनेट किया! इन दोनों डॉक्टरों ने कोरोना से मुकाबले के लिए 500 -500 ml ब्लड प्लाजमा लगभग मौत के मुंह में जा चुके 2 कोरोना संक्रमित मरीजों को दान किया है! प्लाज्मा थेरेपी अभी इंदौर के अरविंदो हॉस्पिटल से ही शुरू हुई है! अगर परिणाम बेहतर आते हैं तो इसे अन्य शहरों में भी शुरू किया जाएगा!
अरविंदो हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ विनोद भंडारी ने बताया कि स्वस्थ हुए और भी मरीज प्लाज्मा डोनेट कर मानवता का काम कर रहे हैं! सेंट पॉल स्कूल के पूर्व छात्र मुकेश कोठारी का कहना है कि डॉ इजहार मोहम्मद मुंशी ने कोरोना के इलाज के लिए प्लाज्मा देकर इंदौर में मिसाल पेश की है! यह प्लाज्मा कोरोना महामारी से संक्रमित लोगों के लिए अमृत का काम करेगा!
इंदौर: मध्यप्रदेश में एक और पुलिस अधिकारी की कोरोना से मौत हो गई है! 59 साल के थाना प्रभारी यशवंत पाल का इंदौर में निधन हो गया है! पाल उज्जैन जिले के नीलगंगा इलाके के थाना प्रभारी थे! 27 मार्च को उनके थाना क्षेत्र की अंबर कॉलोनी में संतोष वर्मा नामक युवक की मौत हो गई थी! यहीं पर वह कोरोना के संक्रमण में आ गए और उनकी हालत बिगड़ती चली गई! इंदौर के अरविंदो अस्पताल के चेयरमैन डॉ विनोद भंडारी के अनुसार थाना प्रभारी यशवंत पाल का दुखद निधन मंगलवार सुबह 5:10 बजे हुआ! उन्हें आज से 10 दिन पहले गंभीर स्थिति में यहां लाया गया था! उस समय उनके दोनों फेफड़ों में निमोनिया था और उन्हें सांस लेने में काफी तकलीफ थी! हर संभव प्रयास के बाद भी हम उन्हें बचा नहीं पाए!
अरविंदो अस्पताल के चेयरमैन डॉ विनोद भंडारी ने बताया कि पिछले 12 दिनों से पाल उनके अस्पताल में भर्ती थे! वे जब से आए थे तभी से उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी! उनकी रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव ही रही! जिसके बाद मंगलवार सुबह 5:10 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली!
इंदौर के जुनी थाने में पदस्थ टीआई देवेंद्र चंद्रवंशी की मौत कोरोना संक्रमण की वजह से नहीं हुई है, बल्कि टीआई की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई है.
इंदौर। शहर के जुनी थाने में पदस्थ टीआई देवेंद्र चंद्रवंशी की मौत कोरोना संक्रमण की वजह से नहीं हुई है, बल्कि टीआई की मौत हार्ट अटैक से हुई है, ड्यूटी के दौरान तबीयत खराब होने पर देवेंद्र चंद्रवंशी को 30 मार्च को अरविंदो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां आज इलाज के दौरान टीआई देवेंद्र चंद्रवंशी की मौत हो गई. अरविंदो अस्पताल के एमडी डॉ. विनोद भंडारी ने बताया कि देवेंद्र चंद्रवंशी की ड्यूटी के दौरान तबीयत खराब होने पर 30 मार्च को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तब उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी.
डॉ. ने बताया कि 10 अप्रैल तक उनकी हालत में कोई सुधार नहीं आने पर डॉक्टरों की सलाह के उन्हें एक इंजेक्शन दिया गया था. जिसके बाद उनकी रिपोर्ट जांच के लिए भेजी गई, जोकि 13 और 15 अप्रैल को निगटिव आई. जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन उन्हें डिस्चार्ज करने की तैयारी कर रहा था. इस बीच कल रात 11:30 बजे अचानक देवेंद्र चंद्रवंशी की सांस तेज चलने लगी और हार्ट रेज तेज हो गई. जिसके बाद कार्डियक अरेस्ट हो गया. उनकी मौत पल्मोनरी एम्बोलिज्म से हुई है.
सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जड़िया का कहना है कि देवेंद्र चंद्रवंशी की दो कोरोना रिपोर्ट निगिटिव आने के बाद उन्हें अरविंदो हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया जाना था, लेकिन देर रात उनकी तबीयत बिगड़ी और उनकी मौत हो गई, जड़िया ने बताया कि देवेंद्र चंद्रवंशी की मौत के साथ इंदौर में कुल 49 मौतें हो चुकी हैं. थाना प्रभारी की मौत पर डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने कहा कि कोरोना से जंग लड़ते हुए थाना प्रभारी शहीद हुए हैं, उन्हें पुलिस विभाग श्रद्धांजलि देता है. आने वाले दिनों में उनके परिवार का पुलिस विभाग पूरी मदद करेगा, थाना प्रभारी की मौत बेहद दुखद है.
इंदौर: पश्चिमी क्षेत्र के एक पुलिस अधिकारी की देर रात करीब 2:30 बजे कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई! कोरोना पॉजिटिव आने के बाद अरविंदो अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था! इस दौरान दो बार उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी! अस्पताल प्रबंधन ने इसकी सूचना स्वास्थ विभाग को दे दी है! इंदौर सीएमएचओ डॉ प्रवीण जड़िया ने इसकी पुष्टि की है! बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य ठीक होने पर जल्द ही उन्हें छुट्टी देने की तैयारी थी! शहर में वे पहले पुलिस अधिकारी थे, जो कोरोना संक्रमण के शिकार हुए! इसके बाद उनके साथ रहने वाले एक कांस्टेबल की रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव आई थी!
कोरोना वायरस इलाज के दौरान पुलिस अधिकारी (44 वर्ष) ने तेजी से खुद को रिकवर किया! जांच के दौरान दो बार उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई! उनका स्वास्थ्य ठीक हो गया था, बस फेफड़ों के कमजोर होने की वजह से सांस लेने में थोड़ी दिक्कत थी!
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पुलिस अधिकारी के निधन पर गहन दुख व्यक्त किया है! उन्होंने शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए सुरक्षा कवच के रूप में 50 लाख रुपए की राशि स्वीकृत करने और दिवंगत अधिकारी की पत्नी को सब इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थापना की घोषणा भी की है!