Unlock 1.0: कोरोना वायरस के खिलाफ जंग को आगे बढ़ाते हुए केंद्र सरकार ने Lockdown 5.0 के स्थान पर Unlock 1.0 का ऐलान कर दिया है। यानी केंद्र सरकार ने अब छूट देने का प्लान बना लिया है। Unlock 1.0 के तहत 8 जून से इस सुविधाओं की छूट दे दी गई है। हालांकि राज्यों को भी अधिकार दिए गए हैं कि वे अपने यहां के हालात देखते हुए फैसले से सके। वहीं जो शहर कोरोना संक्रमण के लिए हॉटस्पॉट बने हुए हैं, वहां Lockdown 4.0 की पाबंदियां लाग रहेंगी। यहां जानिए Unlock 1.0 की व्यवस्था से जुड़े अपने हर सवाल का जवाब-
Lockdown 5.0 का इंतजार था, ये Unlock 1.0 क्या है?
यह बात सही है कि पूरे देश मानकर चल रहा था कि सरकार अब Lockdown 5.0 जारी करेगी, लेकिन गाइडलाइन में Lockdown 5.0 का कहीं जिक्र नहीं है। सरकार ने इसे Unlock 1.0 नाम दिया है यानी सरकार अब छूट देने जा रही है। Unlock 1.0 के कई चरण होंगे। पहला चरण 8 जून से लगने जा रहा है।
8 जून से क्या-क्या खुल जाएगा?
केंद्र सरकार द्वारा जारी गाडलाइन के मुताबिक, 8 जून से मंदिर, मस्जिद समेत सभी धार्मिक खुल जाएंगे। होटल और रेस्त्रां खोलने की अनुमति दे दी गई है। शॉपिंग मॉल भी खोल दिए जाएंगे।
कौन-कौन सी सुविधाएं अभी बंद रहेंगी?
केंद्र सराकर ने मेट्रो ट्रेन, इंटरनेशनल फ्लाइट्स, जिम और स्वीमिंग पूल को खोलने की अनुमति नहीं दी है। इसके बाद में अनलॉक के आगे के चरण में फैसला लिया गया है।
क्या सैलून खुल जाएंगे?
पूरी गाइडलाइन में सैलून खोलने की अनुमति देने का कहीं जिक्र नहीं है। लेकिन यह फैसला राज्य सरकार अपने हिसाब से निर्णय ले सकती है। इसलिए आपके शहर या आपकी कॉलोनी में सैलून खुलेंगे या नहीं, यह राज्य सरकार या डीएम पर निर्भर करेगा।
क्या पहले की तरह दुकानें खुल जाएंगी?
दुकानें खुल जाएंगी, लेकिन पहले की तरह नहीं। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूर करना होगा। सरकार ने यह दुकानदार की जिम्मेदारी तय की है कि वह नियमों का पालन करवाए।
क्या मैं दूसरे राज्य जा सकता हूं?
केंद्र सरकार ने एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर कोई पाबंदी नहीं लगाई है। यहां तक कि किसी भी तरह के पास या परमिट की जरूरत को भी खत्म कर दिया है, लेकिन यह सब निर्भर करेगा राज्य सरकार के फैसले पर। यानी यदि हरियाणा सरकार चाहती है कि दिल्ली से लोग कोरोना लेकर उनके राज्य में न आए तो वह रोक सकती है।
क्या लॉकडाइन 4.0 के नियम खत्म हो गए हैं?
नहीं, सरकार ने लॉकडाउन 5.0 का ऐलान नहीं किया है, लेकिन जो शहर हॉटस्पॉट बने हुए हैं, वहां लॉकडाउन 4.0 के नियम लागू रहेंगे। सरकार का मानना है कि भारत में कोरोना वायरस के 70 फीसद से अधिक मामले 13 शहरों आ आए हैं। ये शहर हैं – मुंबई, चेन्नई, दिल्ली, अहमदाबाद, ठाणे, पुणे, हैदराबाद, कोलकाता, इंदौर, जयपुर, जोधपुर, चेंगलपट्टू और तेरूवल्लुर। यहां लॉकडाउन 4.0 लागू रहेगा।
देश में लॉकडाउन 31 मई तक बढ़ा दिया गया है। NDMA यानी राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने यह पुष्टि की है। इस संबंध में नई गाइडलाइन आज शाम जारी की जा चुकी है। इसके अनुसार रेड जोन, ग्रीन जोन और ऑरेन्ज जोन में राज्यों को निर्णय लेने का अधिकार दिया गया है। नई गाइडलाइन के अनुसार स्कूल व कॉलेज बंद रहेंगे। धार्मिक स्थल, शॉपिंग मॉल्स, स्टेडियम, व्यवसायिक केंद्र बंद रहेंगे। इंटर स्टेट बस सेवाओं को मंजूरी दी गई है लेकिन दोनों राज्यों की सहमति होना जरूरी है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने बताया, सरकार द्वारा जारी लॉकडाउन के विस्तार के चलते आगामी 31 मई तक यात्रियों के लिए मेट्रो सेवाएं बंद रहेंगी। हमारी हेल्पलाइन सेवा ‘155370’ भी उपलब्ध नहीं होगी। केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा आज रात 9 बजे राज्य के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस करेंगे। प्राधिकरण (NDMA) ने भारत सरकार के मंत्रालयों / विभागों, राज्य सरकारों और राज्य प्राधिकरणों को लॉकडाउन 31 मई 2020 तक जारी रखने का निर्देश दिया है।
सोमवार से लॉकडाउन 4.0 की शुरुआत होगी। कर्नाटक, पंजाब, महाराष्ट्र और तमिलनाडु अपने यहां 31 मई तक लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला ले चुके हैं। ताजा खबर के अनुसार पश्चिम बंगाल ने भी लॉकडाउन को जारी रखने का फैसला लिया है। यहां अधिसूचना कल जारी की जाएगी।
4 से 17 मई तक चालू लॉकडाउन 3.0 में उन जिलों में काफी छूट और रियायतें दी गईं, जहां शुरुआत में कोविड -19 के मामले सामने नहीं आए और प्रतिबंधों में ढील दी गई थी। इस दौरान इन राज्यों में लॉकडाउन के दौरान कुछ छूट दी जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के कारण 120 लोगों की मौत सामने आई है।
लॉकडाउन के चौथे चरण की तैयारी में जुटे योगी आदित्यनाथ
यूपी के CM योगी आदित्यनाथ सोमवार से लागू होने वाले लॉकडाउन 4.0 की तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे हैं। आदित्यनाथ आज 11 समितियों के अध्यक्षों के साथ बैठक कर रहे हैं। इसमें प्रवासी कामगारों के आगमन तथा प्रस्थान को लेकर भी फीड बैक ले रहे हैं। लॉकडाउन 4.0 में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव के साथ ही शहरों में लॉकडाउन 4.0 को लागू करने की प्रक्रिया पर भी चर्चा हो रही है। लॉकडाउन 4.0 में उत्तर प्रदेश के आगरा के साथ ही मेरठ को राहत नहीं मिलेगी। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर लॉकडाउन-4 में देश के 30 शहरों तथा नगरपालिका क्षेत्रों में शामिल आगरा व मेरठ में कोई राहत मिलने के आसार नहीं हैं।
मध्य प्रदेश में भी लॉकडाउन 31 मई तक बढ़ा
मध्य प्रदेश भी 31 मई तक लॉक डाउन को बढ़ा दिया गया है। हालांकि इस बारे में गाइड लाइन जारी होना बाकी है। राज्य के रेड जोन और कंटेनमेंट जोन के बारे में कुछ शर्तों के साथ गाइड लाइन जारी होने की उम्मीद है। इन क्षेत्रों में पूर्व की तरह ही सख्ती बरती जाने की संभावना है। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के आधार पर मध्य प्रदेश में लॉकडाउन का स्वरूप निर्भर करेगा। प्रदेश के इंदौर, राजधानी भोपाल और उज्जैन जैसे शहरों में पूर्व की तरह ही प्रतिबंध जारी रहेंगे इतना तय है। आज शाम देश में लॉक डाउन 31 मई तक बढ़ाने की घोषणा कर दी गई है। सीएम शिवराज सिंह चौहान कल प्रदेशवासियों को संबोधित करेंगे। ऑरेंज जोन में गैर संक्रमित क्षेत्रों में भी सामान्य गतिविधियां संचालित होंगे लेकिन लोक परिवहन प्रतिबंधित रहेगा। मॉल, सिनेमाघर, स्कूल-कॉलेज और धार्मिक-सामाजिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध रहेगा। ऐसे स्थान, जहां भीड़ जुटने की संभावना रहती है वहां धारा 144 लागू रहेगी।
छत्तीसगढ़ में भी 31 मई तक बढ़ा लॉकडाउन
केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के तहत छत्तीसगढ़ में भी लाॅक डाउन 31 मई तक बढ़ा दिया गया है। गाइड लाइन जारी होने के बाद बीते 57 दिनों से लॉकडाउन के कारण बंद रहने वाले सराफा और ऑटोमोबाइल संस्थानों को सोमवार से राहत मिलने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि इन संस्थानों को कुछ नियम और शर्तों के साथ खोलने की अनुमति दी जाने वाली है।
With a view to ensuring safety in offices and workplaces, employers on best effort basis should ensure that Arogya Setu is installed by all employees having compatible mobile phones: Ministry of Home Affairs (MHA) https://t.co/JE02r23lTn
All cinema halls, shopping malls, gymnasiums, swimming pools, entertainment parks, theatres, bars and auditoriums, assembly halls and similar places, shall continue to remain closed throughout the country till 31st May: MHA. pic.twitter.com/HBWI3WYOdl
कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनज़र जारी लॉकडाउन (Lockdown) में पेंशन योजना के तहत अप्रैल में कुल 764 करोड़ रुपये जारी किए हैं. सरकार ने बताया इस रकम को एडवांस पेंशन के तौर पर दिया गया. 65 लाख पेंशनर को इसका फायदा मिला.
मुलतापी समाचार
नई दिल्ली. कोरोना (Coronavirus) के इस संकट में EPFO (Employees Provident Fund-Organisation) ने फिर से एक और बड़ा कदम उठाते हुए अप्रैल की पेंशन समय से पहले जारी कर दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अप्रैल में कुल 764 करोड़ रुपये जारी किए हैं. इस रकम को एडवांस पेंशन के तौर पर दिया गया. 65 लाख पेंशनर को इसका फायदा मिला है. EPFO ने सभी बैंक ब्रांचों से सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि वे पेंशनरों के खाते में समय से पेंशन डाल दें. समय से पेंशन खातों में पहुंचाना अभी ईपीएफओ की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इससे इस संकट के समय में पेंशनरों को थोड़ी राहत मिलेगी.
किसे मिलती है पेंशन आपको बता दें कि ईपीएस (Employee Pension Scheme) यानी पेंशन स्कीम में कंपनी के 8.33 फीसदी योगदान को 15,000 रुपये की मंथली सैलरी के अनुसार बनाया गया है. उदाहरण के लिए अगर किसी व्यक्ति की मासिक सैलरी 25,000 रुपये है तो कंपनी का योगदान 15,000 रुपये के 8.33 फीसदी तक सीमित रहेगा. इसी तरह अगर किसी को 10,000 रुपये सैलरी मिलती है तो ईपीएस में कंपनी का कॉन्ट्रिब्यूशन 10,000 रुपये का 8.33 फीसदी होगा.
आइए जानें ईपीएस (Employee Pension Scheme) से जुड़ी सभी बातें…
ईपीएफओ ने यह जानकारी दी है. संगठन कर्मचारी पेंशन स्कीम के तहत लाभार्थियों को पेंशन देता है. उसने कोरोना महामारी को देखते हुए एडवांस में पेंशन जारी करने का फैसला लिया.
श्रम मंत्रालय ने इस बारे में के बयान जारी किया.
>> बयान के अनुसार, ईपीएफओ के अधिकारियों और स्टाफ के लिए यह काम इतना आसान नहीं था. लेकिन, तमाम अड़चनों के बावजूद उन्होंने देशभर में पेंशन बांटने वाले सभी बैंकों की नोडल ब्रांचों में 764 करोड़ रुपये भेजे.
>> कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए देशभर में लॉकडाउन के दौरान कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सभी 135 क्षेत्रीय कार्यालयों ने पेशनभोगियों को असुविधा से बचाने के लिए अप्रैल 2020 की पेंशन समय से पहले जारी कर दी.
>> बयान में कहा गया कि ईपीएफओ ने मुश्किल हालात के बावजूद अपनी पेंशन योजना के तहत आने वाले 65 लाख पेंशनभोगियों के खातों में समय से धनराशि उपलब्ध कराई.
ईपीएस नियमों के अनुसार, किसी सदस्य ने नौकरी छोड़ने से पहले 10 साल से कम सेवा की है या 58 साल का हो गया है (जो भी जल्दी हो) तो वह ईपीएस अकाउंट से एकमुश्त पैसा निकालने का हकदार है.
>> अगर ऐसे व्यक्ति की उम्र 58 साल से कम है तो वह एकमुश्त पैसा निकालने के बजाय ईपीएस के तहत स्कीम सर्टिफिकेट का विकल्प ले सकता है. ऐसा स्कीम सर्टिफिकेट तब लिया जा सकता है जब व्यक्ति ने किसी और संस्थान में नौकरी की योजना बनाई हो.
>> अगर सेवा के वर्ष 10 साल को पार कर गए है तो स्कीम सर्टिफिकेट व्यक्ति को जारी कर दिया जाता है. ईपीएफओ साल की गिनती तब से करता है जिस दिन से आप ईपीएफ स्कीम से जुड़ते हैं. हालांकि, जरूरी नहीं है कि सेवा के वर्ष लगातार रहे हों.
>> मान लीजिए कि आपने साल 2010 नौकरी शुरू की और ईपीएफ स्कीम से जुड़े. यहां तीन साल काम करने के बाद आपने दूसरी कंपनी में नौकरी शुरू कर दी है. लेकिन ये कंपनी आपको ईपीएफ बेनिफिट ऑफर नहीं करती है क्योंकि वह ईपीएफ के दायरे में नहीं आती है.
>> इस ‘बी’ कंपनी में आप 4 साल काम करते हैं. साल 2017 में आप तीसरी कंपनी में नौकरी शुरू करते है. जहां आपको ईपीएफ स्कीम का फायदा मिलता है. मौजूदा समय में 2020 तक ईपीएस रकम का कैलकुलेशन ए और सी में काम किए गए साल के आधार पर किया जाएगा जो छह साल बनते हैं. ऐसे में आप एकमुश्त निकासी कर सकते हैं.
>> 10 साल के पहले सेवा के साल जितने कम होंगे उतनी कम राशि को आप एकमुश्त निकाल पाएंगे. ईपीएस स्कीम से एकमुश्त निकासी की अनुमति तभी मिलती है अगर सेवा के वर्ष 10 साल से कम हैं. आपको वापस की जाने वाली रकम ईपीएस स्कीम 1995 में दी गई टेबल डी पर आधारित होगी.
अगर आपकी नौकरी 9 साल 6 महीने से ज्यादा की हो चुकी है तो आप अपने PF के साथ पेंशन की रकम नहीं निकाल पाएंगे. क्योंकि, 9 साल 6 महीने की सर्विस को 10 साल के बराबर माना जाता है.
>> EPFO के नियम बताते हैं कि अगर आपकी नौकरी 10 साल की हो जाती है तो आप पेंशन के लिए हकदार बन जाते हैं. इसके बाद आपको 58 साल की उम्र में मासिक पेंशन का लाभ मिलना शुरू होगा. मतलब यह कि आपको आजीवन पेंशन तो मिलेगी, लेकिन पेंशन का हिस्सा रिटायरमेंट से पहले नहीं निकाल पाएंगे.
>> 10 साल पूरे होने पर व्यक्ति को पेंशन सर्टिफिकेट मिल जाता है. इस सर्टिफिकेट में पेंशन योग्य सेवा, सैलरी और नौकरी छोड़ने पर देय पेंशन की रकम की जानकारी होती है. अगर किसी व्यक्ति के पास 10 साल या इससे अधिक की सेवा का स्कीम सर्टिफिकेट है तो वह ईपीएस के तहत 58 साल की उम्र से मासिक पेंशन का हकदार बन जाता है. हालांकि, उसे 50 साल की उम्र से पहले पेंशन के लिए आवेदन करने का भी हक होता है.
जम्मू-कश्मीर सरकार ने उस प्रेस रिलीज को वापस ले लिया है, जिसमें कहा गया था कि कोरोना वायरस की महामारी के कारण इस साल की अमरनाथ यात्रा को रद्द कर दिया गया है. इस प्रेस रिलीज ने देश को ‘हैरानी’ की स्थिति में ला दिया था. गौरतलब है कि इससे पहले पिछले साल, अमरनाथ यात्रियों की जम्मू-कश्मीर में पवित्र गुफा तक की यात्रा की अवधि में कटौती की गई थी क्योंकि सरकार को इनपुट मिले थे कि अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले के खिलाफ आतंकी कोई बड़ी वारदात करने की योजना बना रहे हैं. बता दें कि शुरुआत में ऐसी खबरें आईं थी कि देश में जारी कोरोना संकट (Coronavirus) की वजह से इस साल होने वाली अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) को रद्द कर दिया गया है. इस साल अमरनाथ यात्रा 23 जून से तीन अगस्त तक होनी थी.
बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय (Home Ministry) की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या 20,471 हो गई है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1,486 नए मामले सामने आए हैं और 49 लोगों की मौत हुई है. वहीं, देश में कोरोना से अब तक 652 लोगों की जान जा चुकी है, हालांकि राहत की बात यह है कि 3960 मरीज इस बीमारी को हराने में कामयाब भी हुए हैं.
देश में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. हालांकि 20 अप्रैल से लॉकडाउन के दौरान उन इलाकों में कुछ छूट भी दी गई है, जहां कोरोना के मामले कम हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा की थी. बता दें कि पहले चरण का लॉकडाउन 14 अप्रैल को खत्म हो रहा था.
नई दिल्ली, बीते मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में लॉकडाउन के दूसरे चरण की घोषणा कर दी है। ऐसे में आज लॉकडाउन के बीच किन्हें छूट मिलने जा रही है इसकी गाइडलाइंस जारी हो गई हैं। इसके अनुसार फिलहाल परिवहन पर पूरी तरह रोक जारी रहेगी। राज्यों के बॉर्डर भी सील ही रहेंगे। यानी बस, मेट्रो, हवाई और ट्रेन सफर पूरी तरह बंद ही रहेगा। इसके अलावा स्कूल, कॉलेज कोचिंग सेंटर भी बंद ही रहेंगे। वहीं किसानी से जुड़े कामों को छूट जारी रहेगी। इसके साथ ही मुंह कवर करना अब जरूरी कर दिया गया है। इधर उधर थूकने वालों पर जुर्माना भी लगेगा।
गाइडलाइन में साफ कर दिया गया है कि शादियां फिलहाल किसी समारोह के साथ आयोजित नहीं हो सकतीं। जिम व धार्मिक स्थान पूरी तरह बंद रहेंगे। राजनीतिक और खेल आयोजन पर भी रोक। इसके अलावा मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। निर्देशों के अनुसार किसानों और कृषि मजदूरों को हार्वेस्टिंग से जुड़े काम करने की छूट रहेगी। कृषि उपकरणों की दुकानें, उनके मरम्मत और स्पेयर पार्ट्स की दुकानें भी खुली रहेंगी। खाद, बीज, कीटनाशकों के निर्माण और वितरण की गतिविधियां चालू रहेंगी, इनकी दुकानें खुली रहेंगी। कटाई से जुड़ी मशीनों (कंपाइन) के एक राज्य से दूसरे राज्य में मूवमेंट पर कोई रोक नहीं रहेगी।
3 मई तक ये गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी-
1) सुरक्षा उद्देश्यों और कुछ अन्य अपवादों को छोड़कर घरेलू, अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्राओं पर प्रतिबंध।
2)ट्रेन की यात्राएं बंद।
3) सार्वजनिक परिवहन और मेट्रो रेल सेवाएं व बसें बंद रहेंगी।
4) मेडिकल जरूरतों के अलावा इंटर डिस्ट्रिक्ट और इंटरस्टेट मूवमेंट की इजाजत नहीं होगी।
5) शैक्षिक, प्रशिक्षण, कोचिंग संस्थान बंद रहेंगे।
6) सिर्फ जिन्हें अनुमति हो वो औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों हो सकेंगी ।
7) हॉस्पिटेलिटी सेवाएँ प्रतिबंधित रहेंगी।
8) टैक्सी, ऑटोरिक्शा, साइकिल रिक्शा और कैब बंद रहेंगे।
9) सिनेमा हॉल, मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, जिम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, स्विमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थिएटर्स, बार और ऑडिटोरियम बंद रहेंगे।
10) सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, धार्मिक कार्य बंद रहेंगे।
11) धार्मिक मण्डली सख्त वर्जित है।
12) अंतिम संस्कार में 20 से अधिक लोग नहीं जा सकेंगे।
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है। मंगलवार को घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि संक्रमण पर रोक लगाने में लॉकडाउन के प्रभावी नतीजे मिले हैं। प्रधानमंत्री ने करीब 25 मिनट के राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि दूसरे चरण में लॉकडाउन का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जायेगा। उन्होंने कहा था कि 20 अप्रैल से कुछ इलाकों में छूट भी दी जा सकती है।
बता दें कि कोरोना वायरस का संक्रमण भारत में लगातार बढ़ रहा है। देश में पिछले 24 घंटे में 1076 पॉजिटिव मामले सामने आने के बाद कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 11439 हो गई है। वहीं, पिछले 24 घंटे में कोरोना से 38 लोगों की मौत हुई है, जिससे कोविड-19 महामारी से मरने वालों का आंकड़ा 377 पहुंच गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस के कुल 11439 मामलों में से 9756 एक्टिव केस हैं। इसके अलावा, 1305 लोग पूरी तरह से ठीक हो गए हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार सुबह 8 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस से सर्वाधिक 178 लोगों की मौत महाराष्ट्र में हुई। यहां अब इस महामारी से पीड़ितों की संख्या 3124 हो गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मुख्यमंत्रियों से बातचीत में उनकी राय ली कि कोरोना वायरस संक्रमण (CoronaVirus) को रोकने के लिए लॉकडाउन को 14 अप्रैल से आगे बढ़ाया जाए या नहीं.
नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस के फैलने की रफ्तार लगातार बढ़ती जा रही है. मौत के आंकड़ें और मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इस बीच शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये चर्चा की. प्रधानमंत्री इस दौरान मुख्यमंत्रियों से उनकी राय ले रहे थे कि संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन को 14 अप्रैल से आगे बढ़ाया जाए या नहीं.
ज्यादातर राज्यों ने लॉकडाउन बढ़ाने की अपील की
इस बीच कई राज्य के मुख्यमंत्रियों ने पीएम मोदी से लॉकडाउन को बढ़ाने की अपील की. इसके साथ ही ज्यादातर राज्यों ने लॉकडाउन को बढ़ाए जाने पर सहमति भी जताई. इस बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन को बढ़ाने के सुझाव दिए.
केंद्रीय स्तर पर बढ़े लॉकडाउन: अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मौजूदा हालात को देखते हुए राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन को बढ़ाने का सुझाव दिया. जबकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से आर्थिक मदद की मांग की है. केंद्र सरकार के सूत्रों के अनुसार, अधिकांश राज्यों ने पीएम मोदी से अनुरोध किया है कि लॉकडाउन को और बढ़ाया जाए. अब सरकार इसपर विचार कर रही है. ऐसा भी कहा जा रहा है कि सरकार जल्द ही लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान कर सकती है.
जान भी जहान भी, दोनों पहलुओं पर ध्यान आवश्यक: पीएम मोदी वहीं मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जान है तो जहान है, जब मैंने राष्ट्र के नाम सन्देश दिया था, तो प्रारम्भ में बल दिया था कि हर नागरिक की जान बचाने के लिए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंशिंग का पालन बहुत आवश्यक है. देश के अधिकतर लोगों ने बात को समझा और घरों में रहकर दायित्व निभाया.
पीएम मोदी ने कहा कि और अब भारत के उज्जवल भविष्य के लिए, समृद्ध और स्वस्थ भारत के लिए जान भी जहान भी, दोनों पहलुओं पर ध्यान आवश्यक है. जब देश का प्रत्येक व्यक्ति जान भी और जहान भी, दोनों की चिंता करते हुए अपने दायित्व निभाएगा, सरकार और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करेगा. तब हमारा उद्देश्य पूरा होगा.
लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में हैं मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री ने भी समर्थन किया: नारायणसामी पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में मुख्यमंत्रियों की एक स्वर में राय थी कि लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ाया जाए जिसका मोदी ने भी समर्थन किया.
उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कुछ राज्यपालों और उप राज्यपालों की ओर से सरकारों के काम में दखल देने का मुद्दा उठाया और प्रधानमंत्री से इन्हें ‘नियंत्रित करने’ का आग्रह किया.
नारायणसामी ने वीडियो लिंक के जरिये संवाददाताओं से कहा, ‘हम मुख्यमंत्री एकमत थे कि लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ाया जाए और प्रधानमंत्री ने भी इसका समर्थन किया. इसकी आधिकारिक घोषणा बाद में की जाएगी.’ उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों की राय सुनी. 13 मुख्यमंत्रियों ने अपनी बात रखी. मुख्य मुद्दा लोगों की जीविका का था. यह बात मुख्य रूप से की गयी राज्यों के पास पर्याप्त धन नहीं है. ऐसे में भारत सरकार क्या कर रही है.’ नारायणसामी के मुताबिक मुख्यमंत्रियों ने यह जानना चाहा कि केन्द्र सरकार कामगारों, छोटे दुकानों, एमएसएमई और उद्योगों के लिए क्या करने जा रही हैं.
स्टालिन ने तमिलनाडु सरकार से राज्य में लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने की अपील की तमिलनाडु में विपक्षी द्रमुक ने राज्य सरकार से अपील की है कि वह पंजाब और ओड़िशा की तरह लॉकडाउन (बंद) की अवधि को अप्रैल अंत तक के लिए बढ़ाए ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने यह अपील ऐसे समय में की है जब मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी के नेतृत्व में राज्य की कैबिनेट बंद की अवधि बढ़ाने पर फैसला करने वाली है.
कोविड-19 संकट से निपटने के लिए आवश्यक कदमों के संबंध में सलाह देने के लिए राज्य सरकार ने 19 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित है. इस समिति ने भी 14 अप्रैल के बाद और दो सप्ताह के लिए बंद लागू रखने की शुक्रवार को सिफारिश की. तमिलनाडु में कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक 911 मामले सामने आ चुके हैं. स्टालिन ने शनिवार को पलानीस्वामी को पत्र लिखकर बंद की अवधि बढ़ाए जाने की अपील की.
सभी भारतवासीयो से जो इस समय देश में कोविड -19 महामारी से लड़ रहा है, इस मुश्किल घड़ी में माननीय प्रधानमंत्री महोदय द्वारा 5अप्रैल को शाम 9बजे , 9मिनट के लिए सभी घर के लाइट बंद करने की अपील की गई और घर के दरवाजे पर रहकर मोमबती,दीपक, टार्च, मोबाइल फ़्लैश लाइट आदि के माध्यम से देश को इस अंधकार से लड़ने के लिए कहा गया है जैसा कि वेदों में भी कहा गया है
“असतो मा सदगमय ॥ तमसो मा ज्योतिर्गमय ॥ मृत्योर्मामृतम् गमय ॥
भावार्थ
असत्य से सत्य की ओर ले चलो । अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो ।। मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो ॥
इस प्रकार देश की जनता को उत्साहित करना और सभी आपातकालीन सेवा में कार्यरत लोगो का उत्साह बढ़ाने में सहायक होता है, इस लिए इस अवाहन को पूरा करने में सहयोग करे परन्तु इसमे विधुत को सुचारू बनाने के लिए एक बड़ी बाधा खड़ी हो सकती है इस समस्या से लड़ने के लिए देश की 1लाख से भी अधिक विधुत अभियंता व कर्मचारियों कार्यरत है परन्तु ये आम जनता के सहयोग के बिना असम्भव है, इसलिए मुलतापी समाचार के माध्यम से आप लोग से अपील है कि केवल आप अपने घर के केवल लाइट ही बंद करे। अन्य उपकरण जैसे टीवी, फ्रिज, पंखा, कूलर, एसी आदि उपकरण का उपयोग हो रहा हो तो उसे बंद ना करे।
इसका एक तकनीकी कारण है।
पूरे देश मे लगभग 26.8करोड़ घर होंगे जिसमे जिसमे औसतन 10 लाइट होंगे और 10वॉट का एक लाइट भी मान ले तो 100 वॉट का एक घर से लोड रिलीफ मिलेगा जिसके चलते पूरे देश मे से अचानक 268000000×100=26800000000 वॉट का लोड (26800MW) का कम होने के कारण उच्च वोल्टेज हो जायेगा। जिसके कारण उपकरण क्षतिग्रस्त होने की संभावना हो सकती है। इसलिए सभी पाठकों से निवेदन है कि इस कठिन परिस्थितियों में सहयोग करे और केवल लाइट ही बंद करे और देश के माननीय प्रधानमंत्री जी और सभी आपातकालीन सेवा के में सहयोग करे और अपने घर पर रहे।
राजकोट. गुजरात के राजकोट में कोरोना वॉरियर्स से जुड़े अनेक किस्से सामने आ रहे हैं। यहां की एक महिला एएसआई का वीडियो भी सोशल साइट्स पर वायरस हो रहा है। नसरीन जुनैद बेलीम नामक एएसआई छह माह की गर्भवती है। उसके बावजूद वह ऑन ड्यूटी रहती है। उसका परिवार उसे लेकर चिंतित है, पर उसका हौंसला बरकरार है। शौहर ने उससे कहा कि, छुट्टी ले लो, तो नसरीन जुनैद बोलीं कि फर्ज पहले है, छुट्टी बाद में।
एएसआई नसरीन जुनैद बेलीम का फर्ज नसरीन जुनैद बेलीम ने शौहर से यह भी कहा कि इस वक्त देश को मेरी जरूरत है। बता दें कि, नसरीन जुनैद बेलीम छह माह की गर्भवती हैं। उन्होंने कहा कि, पूरा देश कोरोना की महामारी से लड़ रहा है। ऐसे में हम कैसे ड्यूटी से ब्रेक ले सकते हैं। कोरोना से हालात बिगड़ने के कारण मेरे परिजन भी चिंतित हैं।
‘स्टाफ भी मेरी भावनाओं की कद्र कर रहा’ ”मेरे परिजनों को डर है कि इन परिस्थितियों में कहीं मुझे कोरोना का संक्रमण न हो जाए। ऐसे में मेरी संतान का क्या होगा? उनका डर वाजिब है। लेकिन मेरा मानना है कि, इन हालात में मेरी ड्यूटी ज्यादा जरूरी है और इसी वजह से सबके कहने के बावजूद मैंने अवकाश नहीं लिया। हालांकि, पूरा स्टाफ भी मेरी भावनाओं की कद्र कर पूरा सहयोग दे रहा है।”
‘तुम चिंता मत करो, मुझे कुछ नहीं होगा’
अपने पति के बारे में बताते हुए नसरीन ने कहा कि, ‘इस समय मैं राजकोट में ही हूं। घर पर हम दोनों ही हैं। वे घर के काम में मेरी मदद करते हैं। थाने तक पहुंचाने और लाने में भी वह मेरी पूरी मदद करते हैं। हालांकि, उन्होंने मुझे बिना सैलरी अवकाश लेने के लिए कहा था। लेकिन मैंने कहा कि, डरने की कोई जरूरत नहीं है। हमारा डिपार्टमेंट हमारा पूरा ख्याल रखता है। तुम चिंता मत करो, मुझे कुछ नहीं होगा।’
मुलतापी समाचार
इस महामारी से जो लड रहें जो लोगों की सहायता कर रहें उनका नाम कोरोना सैनिक हो… मै अपने पोस्ट में घोषित करता हूँ ….. कोरोना वायरस कोवीद 19 महामारी के संक्रमण से बचने के लिए हमारे देश में आंगनवाडी वर्क और आशा कार्यकर्ता देश में फेल रही वेश्यविक बिमारी से लडने के लिए महत्व पूर्ण भूमिकाा निभा रहें है मुलतापी समाचार हमारे देश वे सभी कर्मचारी एवं वे सभी पत्रकार साथीयो का जो इस महामारी आपदा से निपटने के लिए काम कर रहे प्रत्येक देश के कोरोना सैनिक को मुलतापी समाचार की पूरी टीम की ओर से मै मनमोहन पंवार सलाम करता हॅू धन्यवाद देता है….
अच्छी बात यह है कि मध्यप्रदेश में यह स्टेज 1से 2 तक है।
ये स्टेज क्या होती हैं?
पहली स्टेज
विदेश से नवांकुर आया। एयरपोर्ट पर उसको बुखार नहीं था। उसको घर जाने दिया गया। पर उससे एयरपोर्ट पर एक शपथ पत्र भरवाया गया कि वह 14 दिन तक अपने घर में कैद रहेगा। और बुखार आदि आने पर इस नम्बर पर सम्पर्क करेगा। घर जाकर उसने शपथ पत्र की शर्तों का पालन किया। वह घर में कैद रहा। यहां तक कि उसने घर के सदस्यों से भी दूरी बनाए रखी।
नवांकुर की मम्मी ने कहा कि अरे तुझे कुछ नहीं हुआ। अलग थलग मत रह। इतने दिन बाद घर का खाना मिलेगा तुझे, आजा किचिन में… मैं गरम गरम् परोस दूं।
नवांकुर ने मना कर दिया।
अगली सुबह मम्मी ने फिर वही बात कही। इस बार नवांकुर को गुस्सा आ गया। उसने मम्मी को चिल्ला दिया। मम्मी की आंख में आंसू झलक आये। मम्मी बुरा मान गयीं।
नवांकुर ने सबसे अलग थलग रहना चालू रखा।
6-7वें दिन नवांकुर को बुखार सर्दी खांसी जैसे लक्षण आने लगे। नवांकुर ने हेल्पलाइन पर फोन लगाया। कोरोना टेस्ट किया गया। वह पॉजिटिव निकला। उसके घर वालों का भी टेस्ट किया गया। वह सभी नेगेटिव निकले। पड़ोस की 1 किमी की परिधि में सबसे पूछताछ की गई। ऐसे सब लोगों का टेस्ट भी किया गया। सबने कहा कि नवांकुर को किसी ने घर से बाहर निकलते नही देखा। चूंकि उसने अपने आप को अच्छे से आइसोलेट किया था इसीलिए उसने किसी और को कोरोना नहीं फैलाया। नवांकुर जवान था। कोरोना के लक्षण बहुत मामूली थे। बस बुखार सर्दी खांसी बदन दर्द आदि हुआ। 7 दिन के ट्रीटमेंट के बाद वह बिल्कुल ठीक होकर अस्पताल से छुट्टी पाकर घर आ गया।
जो मम्मी कल बुरा मान गईं थीं, वो आज शुक्र मना रहीं हैं कि घर भर को कोरोना नहीं हुआ।
यह पहली स्टेज जहां सिर्फ विदेश से आये आदमी में कोरोना है। उसने किसी दूसरे को यह नहीं दिया।
स्टेज 2- राजू में कोरोना पॉजिटिव निकला। उससे उसकी पिछले दिनों की सारी जानकारी पूछी गई। उस जानकारी से पता चला कि वह विदेश नहीं गया था। पर वह एक ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आया है जो हाल ही में विदेश होकर आया है। वह परसों गहने खरीदने के लिए एक ज्वेलर्स पर गया था। वहां के सेठजी हाल ही में विदेश घूमकर लौटे थे।
सेठजी विदेश से घूमकर आये थे।उनको एयरपोर्ट पर बुखार नहीं था। इसी कारण उनको घर जाने दिया गया। पर उनसे शपथ पत्र भरवा लिया गया, कि वह अगले 14 दिन एकदम अकेले रहेंगे और घर से बाहर नहीं निकलेंगे। घर वालों से भी दूर रहेंगे। विदेश से आये इस गंवार सेठ ने एयरपोर्ट पर भरे गए उस शपथ पत्र की धज्जियां उड़ाईं। घर में वह सबसे मिला। शाम को अपनी पसंदीदा सब्जी खाई। और अगले दिन अपनी ज्वेलेरी दुकान पर जा बैठा। (पागल हो क्या! सीजन का टेम है, लाखों की बिक्री है, ज्वेलर साब अपनी दुकान बंद थोड़े न करेंगे)
6वें दिन ज्वेलर को बुखार आया। उसके घर वालों को भी बुखार आया। घर वालों में बूढ़ी मां भी थी। सबकी जांच हुई। जांच में सब पॉजिटिव निकले।
यानि विदेश से आया आदमी खुद पॉजिटिव। फिर उसने घर वालों को भी पॉजिटिव कर दिया।
इसके अलावा वह दुकान में 450 लोगों के सम्पर्क में आया। जैसे नौकर चाकर, ग्राहक आदि। उनमें से एक ग्राहक राजू था।
सब 450 लोगों का चेकअप हो रहा है। अगर उनमें किसी में पॉजिटिव आया तो भी यह सेकंड स्टेज है।
डर यह है कि इन 450 में से हर आदमी न जाने कहाँ कहाँ गया होगा।
कुल मिलाकर स्टेज 2 यानी कि जिस आदमी में कोरोना पोजिटिव आया है, वह विदेश नहीं गया था। पर वह एक ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आया है जो हाल ही में विदेश होकर आया है।
स्टेज 3
रामसिंग को सर्दी खांसी बुखार की वजह से अस्पताल में भर्ती किया, वहां उसका कोरोना पॉजिटिव आया। पर रामसिंग न तो कभी विदेश गया था। न ही वह किसी ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आया है जो हाल ही में विदेश होकर आया है।
यानि हमें अब वह स्रोत नहीं पता कि रामसिंग को कोरोना आखिर लगा कहाँ से??
स्टेज 1 में आदमी खुद विदेश से आया था।
स्टेज 2 में पता था कि स्रोत सेठजी हैं। हमने सेठजी और उनके सम्पर्क में आये हर आदमी का टेस्ट किया और उनको 14 दिन के लिए अलग थलग कर दिया।
स्टेज 3 में आपको स्रोत ही नहीं पता।
स्रोत नहीं पता तो हम स्रोत को पकड़ नहीं सकते। उसको अलग थलग नहीं कर सकते। वह स्रोत न जाने कहाँ होगा और अनजाने में ही कितने सारे लोगों को इन्फेक्ट कर देगा।
स्टेज 3 बनेगी कैसे?
सेठजी जिन 450 लोगों के सम्पर्क में आये। जैसे ही सेठजी के पॉजिटिव होने की खबर फैली, तो उनके सभी ग्राहक,नौकर नौकरानी, घर के पड़ोसी, दुकान के पड़ोसी, दूध वाला, बर्तन वाली, चाय वाला….सब अस्पताल को दौड़े। सब लोग कुल मिलाकर 440 थे। 10 लोग अभी भी नहीं मिले। पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम उनको ढूंढ रही है। उन 10 में से अगर कोई किसी मंदिर आदि में घुस गया तब तो यह वायरस खूब फैलेगा। यही स्टेज 3 है जहां आपको स्रोत नहीं पता।
स्टेज 3 का उपाय 14 दिन का lockdown कर्फ्यू लगा दो। शहर को 14 दिन एकदम तालाबंदी कर दो। किसी को बाहर न निकलने दो।
इस तालाबंदी से क्या होगा??
हर आदमी घर में बंद है। जो आदमी किसी संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में नहीं आया है तो वह सुरक्षित है। जो अज्ञात स्रोत है, वह भी अपने घर में बंद है। जब वह बीमार पड़ेगा, तो वह अस्पताल में पहुंचेगा। और हमें पता चल जाएगा कि अज्ञात स्रोत यही है।
हो सकता है कि इस अज्ञात श्रोत ने अपने घर के 4 लोग और संक्रमित कर दिए हैं, पर बाकी का पूरा शहर बच गया।
अगर LOCKDOWN न होता। तो वह स्रोत पकड़ में नहीं आता। और वह ऐसे हजारों लोगों में कोरोना फैला देता। फिर यह हजार अज्ञात लोग लाखों में इसको फैला देते। इसीलिए lockdown से पूरा शहर बच गया और अज्ञात स्रोत पकड़ में आ गया।
क्या करें कि स्टेज 2, स्टेज 3 में न बदले। Early lockdown यानी स्टेज 3 आने से पहले ही तालाबन्दी कर दो। यह lockdown 14 दिन से कम का होगा।
उदाहरण के लिए सेठजी एयरपोर्ट से निकले उनने धज्जियां उड़ाईं। घर भर को कोरोना दे दिया। सुबह उठकर दुकान खोलने गए। (गजब आदमी हो यार! सीजन का टेम है, लाखों की बिक्री है, अपनी दुकान बंद कैसें कर लें)
पर चूंकि तालाबंदी है। तो पुलिस वाले सेठजी की तरफ डंडा लेकर दौड़े। डंडा देख सेठजी शटर लटकाकर भागे।
अब चूंकि मार्किट बन्द है। तो 450 ग्राहक भी नहीं आये। सभी बच गए। राजू भी बच गया। बस सेठजी के परिवार को कोरोना हुआ। 6वें 7वें दिन तक कोरोना के लक्षण आ जाते हैं। विदेश से लौटे लोगों में लक्षण आ जाये तो उनको अस्पताल पहुंचा दिया जायेगा। और नहीं आये तो इसका मतलब वो कोरोना नेगेटिव हैं।
उपरोक्त मेसेज को ध्यान पूर्वक हम भी पढे व समझे व अमल करे व उचित लगे तो साझा करे ।
मुलतापी समाचार निर्भया के आरोपियों को तिहाड जैल में फांसी
आज निर्भया के दोषियों को मिली सजा फांसी तिहाड जैल में सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दी
मुलतापी समाचार
तिहाड़ जेल में निर्भया के चारों कैदियों को फांसी की सजा दे दी गई
निर्भया के चारों गुुनहगारों को तिहाड़ जेल में सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दे दी गई।
निर्भया गैंगरेप केस में दोषियों की फांसी टलवाने की सारी कोशिश नाकाम हो गई। दिल्ली हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्भया गैंगरेप के दोषियों की फांसी के खिलाफ याचिका गुरूवार और शुक्रवार की आधी रात को ठुकरा दी। जिसके बाद अब निर्भया के चारों दोषियों को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दे दी गई। मेडिकल ऑफिसर ने चारों दोषियों को मृत घोषित किया।
निर्भया की मां आशा देवी ने दिल्ली गैंगरेप के दोषियों की फांसी के बाद अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि आखिरकर उन्हें लंबे संघर्ष के बाद फांसी दे दी गई। उसके जाने के बाद हमने लड़ाई शुरू की, यह संघर्ष उसके लिए था और ये भविष्य में हमारी बेटियों के लिए जारी रहेगा। मैं बेटी की तस्वीर को गले लगाया और कहा कि आखिरकार तुम्हें इंसाफ मिला।
निर्भया के गुनहगारों की फांसी के बाद निर्भया के पिता ने कहा कि उन्हें इस घड़ी के लिए सात साल से इंतजार था। उन्होंने इस फैसला पर खुशी जताते हुए कहा कि आज हमारे लिए ही नहीं देश के लिए भी बड़ा दिन है।
चारों दोषी- मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को पहली बार निर्भया गैंगरेप केस में साल 2013 में मौत की सजा सुनाई गई थी। गौरतलब है कि साल 2012 में दक्षिणी दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में चलती बस में 23 वर्षीय पैरा-मेडिकल छात्रा के साथ 6 दरिदों ने सारी हदें पार करते हुए उसके साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था। निर्भया को इलाज के लिए देश से बाहर भी ले जाया गया, लेकिन वह नहीं बच पाई। इस झकझोर देने वाली घटना के बाद पूरा देश सड़कों पर उतर आया था।
पवन के गांव केे पसरा सन्नाटा, घरवालों ने नही कीकिसी से बाता
फांसी के बाद जेल के बाहर जश्न
निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के दोषियों को तिहाड़ जेल में शुक्रवार सुबह 5.30 बजे फांसी दे दी गई, जिसके बाद जेल के बाहर इकट्ठा हुई भीड़ ने आखिरकार दोषियों को फांसी दिए जाने के निश्चित समय पर मिठाई बांटकर जश्न मनाया और ‘निर्भया जिंदाबाद’ के नारे लगाए।
चारों दोषी मृत घोषित
निर्भया के चारों दोषियों को मृत घोषित कर दिया गया है। अब चारों दोषियों के शवों को पोर्स्टमाटम के लिए ले जाया जाएगा।
निर्भया की मां ने कहा- लंबे इंतजार के बाद आखिरकर उन्हें लटकाया गया
निर्भया की मां आशा देवी ने दिल्ली गैंगरेप के दोषियों की फांस के बाद अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि आखिरकर उन्हें लंबे संघर्ष के बाद फांसी दे दी गई। उसके जाने के बाद हमने लड़ाई शुरू की, यह संघर्ष उसके लिए था और ये भविष्य में हमारी बेटियों के लिए जारी रहेगा। मैं बेटी की तस्वीर को गले लगाया और कहा कि आखिरकार तुम्हें इंसाफ मिला।
Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang-rape victim: Our daughter is no more & won't return.We started this fight after she left us, this struggle was for her but we will continue this fight in future for our daughters. I hugged my daughter's picture & said 'finally you got justice' https://t.co/Bqv7RG8DtOpic.twitter.com/XBeAJYC8of
निर्भया के पिता ने कहा- इस घड़ी का साल साल से इंतजार था
निर्भया के गुनहगारों की फांसी के बाद निर्भया के पिता ने कहा कि उन्हें इस घड़ी के लिए सात साल से इंतजार था। उन्होंने इस फैसला पर खुशी जताते हुए कहा कि आज हमारे लिए ही नहीं देश के लिए भी बड़ी दिन है। निर्भया के पिता ने आगे कहा कि न्याय का दिन है, महिलाओं के न्याय का दिन है। निर्भया आज खुश होगी। उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं के लिए ऐसी गाइडलाईन बने कि किसी पीड़ित परिवार को इतना लंबा संघर्ष न करना पड़े।
तिहाड़ के डीजीपी ने कहा- निर्भया के गुनहगारों को साढ़े पांच बजे लटकाया गया
निर्भया के गुनहगारों को शुक्रवार तड़के फांसी दे गई है। तिहाड़ जेल के डीजीपी संदीप गोयल ने कहा कि 2012 दिल्ली गैंगरेप के चारों दोषियों को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी पर लटकाया गया।
दोषियों को तख्ता पर खड़ा कर पवन जल्लाद जेलर को इशारों में बताएगा की तैयारी पूरी है
जेल मैन्युअल के मुताबिक, अब दोषियों को तख्ता पर खड़ा करन के बाद पवन जल्लाद जेलर को इशारों में बताएगा कि तैयारी पूरी है। इसके बाद जेलर रूमाल दिखाकर लिवर खींचने की इजाजत देगा।
बस 10 मिनट में दे दी जाएगी निर्भया के गुनहगारों को फांसी
निर्भया के गुनहगारों को महज दस मिनट में फांसी दे दी जाएगी। चारों दोषियों को फांसी घर में ले जाया गया है। तय समय के अनुसार सुबह साढ़े पांच बजे सजा-ए-मौत दे दी जाएगी